बिना टैक्स जमा किए हजारों वाहन सड़कों पर दौड़ रहे
गाजियाबाद में 36 हजार व्यावसायिक वाहन बिना टैक्स जमा किए चल रहे हैं। प्रशासन के लिए बकाया वसूलना चुनौती बन गया है। हर साल एकमुश्त समाधान योजना लागू की जाती है, लेकिन ट्रांसपोर्टर चुकाने में दिलचस्पी...
गाजियाबाद। जिले में 36 हजार व्यावसायिक वाहन बिना टैक्स जमा किए सड़कों पर दौड़ रहे। इनसे बकाया वसूलना प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। हर साल एकमुश्त समाधान योजना लागू की जा रही, लेकिन ट्रांसपोर्टर बकाया चुकाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इससे विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा। संभागीय परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जनपद में 8.75 लाख वाहन पंजीकृत हैं। इनमें निजी और व्यावसायिक वाहन शामिल हैं। 64 हजार से ज्यादा व्यावसायिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सन 1968 से पंजीकृत वाहनों पर भी बकाया है। इनमें से ज्यादातर डीजल वाहन 15 साल की समयसीमा पूरी कर सड़कों से हट चुके हैं, लेकिन ट्रांसफोर्टरों पर कर बकाया होने की वजह से इनका पंजीकरण रद्द नहीं किया जा सका है। सरकारी आंकड़ों में 36,268 वाहनों पर 180 करोड़ रुपये बकाया है। इन व्यावसायिक वाहनों ने प्रतिवर्ष जमा होने वाले टैक्स और चालान को जमा नहीं किया है। 10 साल पुराने सीएनजी और 15 साल पुराने डीजल वाहनों की बात करें तो 8500 गाड़ियों पर 55 करोड़ रुपये बकाया है। इनसे बकाया वसूली के लिए शासन ने एकमुश्त समाधान योजना दोबारा लागू की है। यह योजना तीन महीने तक लागू रहेगी। इससे पहले जुलाई 2022 में तीन महीने के लिए ओटीएस को लागू किया गया था, जिसमें शासन को चार करोड़ रुपये बकाया प्राप्त हुआ।
36 लाख रुपये जमा हुए
एकमुश्त समाधान योजना छह नवंबर से लागू हुई है, जो तीन महीने तक लागू रहेगी। 20 दिन में 127 वाहन स्वामियों ने 36.70 लाख रुपये बकाया जमा किया। इन वाहनों पर 11 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है।
बकायेदारों को ओटीएस का लाभ देने के लिए लगातार बैठक प्रेरित किया जा रहा है। ट्रांसपोर्टर तीन महीने तक लोग बकाया जमा कर सकते हैं। - राहुल श्रीवास्तव, एआरटीओ प्रशासन, गाजियाबाद
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