शासन की रोक के बावजूद संविदाकर्मियों का तबादला करने का आरोप
गाजियाबाद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा कर्मियों में तबादलों को लेकर रोष है। कर्मियों का आरोप है कि उन्हें अनावश्यक रूप से एक केंद्र से दूसरे केंद्र में स्थानांतरित किया जा रहा है,...

गाजियाबाद। संविदा पर तैनात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मियों में स्थानीय स्तर पर तबादलों को लेकर रोष व्याप्त है। संविदा कर्मियों ने नाम ना छापने की शर्त पर आरोप लगाया है कि अनावश्यक रूप से परेशान करने के लिए उन्हें एक केंद्र से दूसरे केंद्र में तबादला किया जा रहा है। जबकि शासन से संविदाकर्मियों के तबादले पर रोक है। एनएचएम के तत्कालीन प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश जारी करते हुए कहा था कि संविदा कर्मचारियों के स्थानांतरण पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन कर तबादले किए जा रहे हैं। शासन की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया था कि संविदा कर्मियों के ट्रांसफर नियम विरुद्ध हैं और इससे अनावश्यक कानूनी विवाद उत्पन्न हो रहे हैं।
इसको लेकर उच्च न्यायालय ने भी अप्रसन्नता व्यक्त की है। शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी जिले द्वारा नियमों के विरुद्ध ट्रांसफर किया गया और उस पर न्यायिक कार्रवाई होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित जिले के अधिकारी की होगी। स्थानीय संविदा कर्मियों ने आरोप लगाया है कि ट्रांसफर के नाम पर कुछ अधिकारियों द्वारा उगाही की जा रही है। उनका कहना है कि स्थानांतरण के लिए न कोई स्पष्ट प्रक्रिया अपनाई जा रही है और न ही कोई पारदर्शिता है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि शहरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया गया है। स्टाफ की कमी और व्यवस्था बनाने के लिए अस्थाई तौर पर कर्मचारियों को ड्यूटी पर भेजा गया है।
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