Hindi NewsNcr NewsGhaziabad NewsMMH College Principal Dispute Faculty Salaries Delayed Hearing Scheduled for October 15

प्राचार्य विवाद में जंग का अखाड़ा बना एमएमएच, शिक्षकों-कमर्चारियों का वेतन अटका

गाजियाबाद के एमएमएच कॉलेज में प्राचार्य विवाद के चलते शिक्षकों और कर्मचारियों की तनख्वाह अटकी हुई है, जिससे छात्र भी परेशान हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर 15 अक्टूबर को सुनवाई होगी, जिससे उम्मीद है कि विवाद...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादWed, 9 Oct 2024 05:56 PM
share Share
Follow Us on

गाजियाबाद। एमएमएच कॉलेज में पिछले कई महीने से चल रहे प्राचार्य विवाद में अब कॉलेज के शिक्षकों-कर्मचारियों की तनख्वाह अटकी हुई है। वहीं समस्याओं का समाधान नहीं होने से छात्र भी परेशान हैं। दूसरी तरफ हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वीसी ने निलंबित प्राचार्य और समिति को नोटिस जारी कर 15 अक्तूबर को सुनवाई के लिए बुलाया है। ऐसे में उम्मीद है कि अगले 10 दिन के भीतर यह विवाद थम जाएगा। प्राचार्य विवाद के चलते मॉडल टाउन स्थित जिले का प्रतिष्ठित राजकीय एमएमएच कॉलेज जंग का अखाड़ा बन गया है। सोमवार को हुए हंगामे से कॉलेज में शिक्षक और स्टाफ तो परेशान हैं ही, छात्र भी अपनी समस्याओं को लेकर परेशान हैं। कुल मिलाकर प्राचार्य कुर्सी के विवाद में कॉलेज का कामकाज प्रभावित हो रहा है। छात्र सुमित ने बताया कि हर रोज कोई न कोई नया ड्रामा देखने को मिलता है। पास आउट छात्रों को टीसी, सीसी आदि प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पा रहे हैं। अब इन पर हस्ताक्षर कौन करेगा यही समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा भी कई समस्याएं हैं जिनका छात्रों को समाधान नहीं मिल पा रहा है। छात्र राजू ने बताया कि इस विवाद में छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इससे कॉलेज की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। ऐसे में जल्द इस समस्या का समाधान होना चाहिए। वहीं समिति के सचिव ने सोमवार को ही नोटिस जारी कर सभी को सूचित किया है कि कार्यवाहक प्राचार्य के फैसले ही सर्वोपरी होंगे।

प्राचार्य कुर्सी को लेकर खींचतान से कॉलेज की प्रतिष्ठा दांव पर

सहायक लेखाकार पर हमले के बाद से शुरू हुआ यह विवाद अब निलंबित प्राचार्य और कॉलेज समिति के बीच प्रतिष्ठा की जंग में बदल गया है। सहायक लेखाकार पर हमला कराने के आरोप में कॉलेज समिति ने 14 अगस्त को प्रो. पीयूष चौहान को प्राचार्य पद से निलंबित किया था। तब तक विवाद सहायक लेखाकार और निलंबित प्राचार्य के बीच रहा। इसके बाद वीसी ने निलंबन को रद्द कर बहाली के आदेश दिए तो समिति इसे टालती रही और पीयूष चौहान को कार्यभार नहीं सौंपा। इसके बाद से ही दोनों पक्षों के बीच खींचतान जारी है। एक पक्ष में निलंबित प्राचार्य प्रो. पीयूष चौहान हैं तो दूसरे पक्ष में प्रबंधन समिति और कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. संजय सिंह हैं। प्राचार्य कुर्सी के इस विवाद में कॉलेज की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

शिक्षकों और कर्मचारियों की तनख्वाह अटकी

इस विवाद के चलते शिक्षक-कर्मचारी आर्थिक संकट भी झेल रहे हैं। हर महीने एक हफ्ते के भीतर वेतन मिल जाता था, मगर जब से विवाद शुरू हुआ है 20 से 25 दिन की देरी से वेतन मिल रहा है। एक कर्मचारी ने बताया कि वेतन की फाइल तो बन गई है, मगर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पास नहीं हुई है। वहां से पास होने के बाद ही वेतन मिलेगा।

15 अक्तूबर को वीसी का बुलावा, 10 दिन के भीतर फैसला

हाईकोर्ट के आदेश के बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की वीसी ने निलंबित प्राचार्य और कॉलेज समिति को नोटिस जारी कर 15 अक्तूबर को बुलाया है। इस दौरान दोनों पक्षों को सुना जाएगा और सबूतों को भी देखा जाएगा। इसी आधार पर निलंबन तथा बहाली पर फैसला होगा। ऐसे में 10 दिन के भीतर इस विवाद के खत्म होने की उम्मीद है।

कॉलेज में कोई भी काम रुकने नहीं दिया जाएगा। पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी जाएगी। जो भी समस्या होगी उसे हल किया जाएगा।

- प्रो. संजय सिंह, कार्यवाहक प्राचार्य, एमएमएच

वीसी ने 15 अक्तूबर को दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए बुलाया है। सहायक लेखाकार पर हमला कराने और वित्तीय अनियमित्ता जैसे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। इनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।

- प्रो. पीयूष चौहान, निलंबित प्राचार्य, एमएमएच

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें