Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गाज़ियाबादInspiring Teachers Transform Lives in Ghaziabad on Teacher s Day

गरीब छात्रों को कामयाबी की राह दिखाकर गुरु होने का फर्ज अदा कर रहे शिक्षक

गाजियाबाद में शिक्षक दिवस पर कई शिक्षकों ने गरीब बच्चों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजकुमार, नीरव शर्मा, और कविता वर्मा जैसे शिक्षक अपने वेतन से स्मार्ट क्लास और कोचिंग...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादWed, 4 Sep 2024 08:23 PM
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गाजियाबाद। हर साल पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन ऐसे शिक्षकों को समर्पित किया जाता है जिन्होंने अपने कार्यों से शिक्षा क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई हो और गरीब बच्चों का भविष्य संवार कर सही मायनों में गुरु होने का फर्ज अदा किया हो। जिले में भी कई शिक्षक हैं जिन्होंने गुरु होने के साथ दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की है। किसी ने अपने वेतन तो किसी ने पुरस्कार में मिली राशि से ही स्कूल में बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास बनवा दी। किसी ने बिना सरकारी सहायता के ही बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया और कामयाब भी हुए। राजकुमार, कविता वर्मा, नीरव शर्मा, शादाब कमर (अब सेवानिवृत्त), लक्ष्मी त्यागी ऐसे ही शिक्षक हैं जिन्होंने सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों ही बदल दीं। इनके अलावा मोहित नागर, अनुपमा माइंदवाल, काजल छिब्बर, बीएल बत्रा, नीरजा आदि ऐसी हस्तियां हैं जो शिक्षक न होते हुए भी गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग के साथ संगीत, गायन-वादन, एक्टिंग, खेल आदि का प्रशिक्षण दिलाकर उनका भविष्य संवार रहे हैं।

राजकुमार ने बिना सरकारी बजट बदल दी स्कूल की सूरत

कविनगर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार वह शिक्षक हैं जिन्होंने बिना सरकारी सहायता के ही स्कूल की सूरत बदल दी। सफाई कर्मी न होते हुए भी स्कूल में हरियाली, साफ-सफाई और सुविधाओं की कमी नहीं है। सभी कक्षाएं स्मार्ट हैं। सभी कक्षों में टाईल, लाईब्रेरी, साफ-सुथरी किचन, आरओ और टिन शेड सभी सुविधाएं हैं। इसके लिए उन्होंने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कई बार मायूसी भी मिली मगर हार नहीं मानी और सामुदायिक सहभागिता से ही सभी व्यवस्थाएं कीं। उन्होंने अपने खर्च पर एक शिक्षक और दो शिक्षक एनजीओ के जरिए रखे हुए हैं, जिनसे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पा रही है।

मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों को निशुल्क कोचिंग देकर शिक्षित कर रहे मोहित

इकला निवासी मोहिन नागर पिछले 13 साल से विभिन्न झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग चला रहे हैं। हर साल बोर्ड परीक्षा देने वालों के लिए अलग कोचिंग देते हैं। शिक्षा के साथ नैतिक जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाते हैं। इसी के साथ वह लड़कियों को सिलाई, पार्लर और कंप्यूटर का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

नीरव शर्मा ने 1.22 लाख खर्च कर बनवा दी स्मार्ट क्लास

नीरव शर्मा लोनी के कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापिका पद पर तैनात हैं। यह वह शिक्षिका हैं जिन्होंने अपने ही पैसे से स्कूल में स्मार्ट क्लास बनवा दी। साल 2019 से बच्चों को स्मार्ट क्लास से पढ़ा रही हैं। उन्होंने अपने वेतन से करीब 1.22 लाख रुपये से बच्चों के लिए लैपटॉप, प्रोजेक्टर, एलसीडी, ब्लूटुथ स्पीकर आदि खरीदने पर खर्च कर दिए, मगर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने अपना दायित्व पूरा किया है। निजी स्कूलों की तर्ज पर

स्मार्ट क्लास और छात्रवृत्ति परीक्षा की कोचिंग देकर बच्चों का भविष्य संवार रहीं कविता

वैशाली स्थित सेक्टर-पांच के कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका कविता वर्मा अनाथ आश्रम में रहने वालीं लड़कियों को शिक्षित करने के साथ मूक बधिर बच्चों के लिए भी वीडियो बनाती हैं। जब उन्हें मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022 में राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा तो उन्होंने पुरस्कार में मिली राशि से स्कूल में स्मार्ट क्लास बनवा दी। फिलहाल वह राष्ट्रीय आय एवं छात्रवृत्ति परीक्षा और इंस्पायर अवॉर्ड की मोटिवेशनल शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही हैं। आधुनिक रूप से पढ़ाने के लिए उनका चयन इनफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नालॉजी (आइसीटी) पुरस्कार 2023 के लिए हुआ है, जो बड़ी उपलब्धि है।

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गुलशन भारती

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