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सर्दी में बढ़ रहे निमोनिया के मरीज, तीन साल की बच्ची की मौत

गाजियाबाद में सर्दी के कारण बच्चों में निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं। रोजाना 530 बच्चे अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं, जिनमें से 6 से 8 बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। हाल ही में एक तीन साल की...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादFri, 22 Nov 2024 07:47 PM
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गाजियाबाद। सर्दी में निमोनिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 530 बच्चे पहुंच रहे हैं। इनमें रोजाना छह से आठ बच्चों को निमोनिया की शिकायत के बाद भर्ती किया जा रहा है। शुक्रवार को निमोनिया से ग्रस्त तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। जिला एमएमजी अस्पताल में शुक्रवार को 2103 मरीज ओपीडी में पहुंचे। इनमें 1039 महिला, 730 पुरुष और 334 बच्चे शामिल रहे। ज्यादातर बच्चे बुखार, खांसी और सांस में तकलीफ की शिकायत के पहुंचे। अस्पताल की इमरजेंसी में अर्थला की चित्रकूट कालोनी निवासी मनोज विश्वकर्मा अपनी तीन साल की बच्ची आयुषी को गंभीर हालत में लेकर पहुंचे। बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आधे घंटे तक बच्ची को उपचार दिया गया। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एमएमजी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन उपाध्याय ने बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इस कारण से सर्दी बढ़ने के साथ ही बच्चों में निमोनिया और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस समय 80 फीसदी बच्चों में बुखार, सांस में दिक्कत, खांसी के लक्षण मिल रहे हैं। इमरजेंसी में आई बच्ची भी निमोनिया से पीड़ित थी।

15 प्रतिशत बच्चों में मिल रहे लक्षण

संयुक्त अस्पताल में 929 मरीज का पंजीकरण हुआ। इनमें 135 बच्चे शामिल रहे। दोनों अस्पतालों में आठ बच्चों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी। गुरुवार को संयुक्त अस्पताल में गुलधर के रहने वाले सोनू के छह महीने के बच्चे रोहन को गंभीर दशा में लाया गया। डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर उपचार शुरू किया। अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डा. अर्चना सिंह ने बताया कि निमोनिया में बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो जाती है। फिलहाल 15 प्रतिशत बच्चों में निमोनिया के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में परिजनों को बच्चों को सर्दी से बचाकर रखना चाहिए।

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