अवैध निर्माण बचाने को खतरे में डाल रहे लोगों की जान
वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान महिला और बच्चों की जान खतरे में डाली जा रही है। कई निर्माणाधीन इमारतों में इन्हें ठहराया गया है। परिषद ने 110 अवैध निर्माण गिराए...
ट्रांस हिंडन। वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार में अवैध निर्माण पर चल रहे आवास एवं विकास परिषद के बुलडोजर से बचने के लिए महिला व बच्चों की जान खतरे में डाली जा रही है। निर्माणाधीन इमारतों को बचाने के लिए इनमें महिला व बच्चों को ठहराया जा रहा है। साथ में काम भी चल रहा है। परिषद की कार्रवाई के दौरान कई इमारतें ऐसी मिलीं। इसको लेकर बिल्डरों को चेतावनी दी गई है। ऐसा करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने की भी तैयारी की जा रही है। सिर्फ वसुंधरा में ही एक हजार से अधिक अवैध निर्माण चिह्नित हैं। यह आंकड़ा हाल का नहीं बल्कि पांच साल पहले तक का है। आए दिन नए अवैध निर्माण हो रहे हैं। पिछले छह माह में परिषद ने अवैध निर्माण पर शिकंजा कसा है। वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार में 110 अवैध निर्माण गिराये गए हैं। 34 मकानों के विद्युत कनेक्शन काटे गए। 42 मकान सील किए गए हैं और साढ़े सात हेक्टेयर जमीन से 1500 झुग्गियां हटाईं। इस जमीन की कीमत करीब एक हजार करोड़ रुपये है। परिषद की इस कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। परिषद के कार्यालय से लेकर हर द्वार पर गुहार लगा रहे हैं। मगर सुनवाई का असर न होते देख इमारत को बचाने के लिए बच्चों व महिलाओं की जान को ही खतरे में डाला जा रहा है। इमारत में अंदर ही अंदर निर्माण का काम भी चल रहा है और इसमें एक तरफ महिला व बच्चे भी रह रहे हैं। अवैध निर्माण वाली करीब 50-60 फीसदी इमारतों में कार्रवाई करने पहुंच रही टीम का सामना इन महिला व बच्चों से हो रहा है। ये लोग किसी मजदूर के परिवार के होते हैं या फिर इन्हें बिना किराये रहने का लालच देकर बुलाया जा रहा है।
अधिकारियों ने दी चेतावनी
वसुंधरा सेक्टर 14 व 16 ए में परिषद के प्रवर्तन दल ने बुधवार को तीन अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया। दो जगहों पर अंदर महिला व बच्चे मिले। इन्होंने बताया कि वे यहां रह रहे हैं। इन्हें समझाकर बाहर निकाला, जिसके बाद कार्रवाई की गई। साथ ही निर्माणकर्ता को एफआईआर की चेतावनी भी दी गई।
अवैध निर्माण को लेकर परिषद का रुख साफ है। इसे बिल्डर खुद ही हटा लें नहीं तो प्रवर्तन दल कार्रवाई करेगा। कई निर्माणाधीन इमारतों में महिला व बच्चों को ठहराया गया है। इसको लेकर भी चेतावनी दी गई है, क्योंकि निर्माण के दौरान महिला व बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। - अजय कुमार मित्तल, अधीक्षण अभियंता, आवास एवं विकास परिषद।
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