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घर बैठे कमाई का झांसा देकर ठगने वाला गैंग पकड़ा, दो गिरफ्तार

गाजियाबाद पुलिस ने घर बैठे कमाई का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी ग्राहकों को काम का लालच देकर ठगते थे। एक किशोरी ने शिकायत की थी, जिसके बाद...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादFri, 9 Aug 2024 07:58 PM
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गाजियाबाद। सिहानी गेट पुलिस ने घर बैठे कमाई का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी अपनी ही कंपनी के ग्राहकों को जाल में फंसाते थे। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि लाल क्वार्टर निवासी अलका कक्कड़ ने सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि 17 वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दी थी। मामले में केस दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू कर दी गई थी। छह अगस्त को किशोरी को सहारनपुर निवासी रिश्तेदार के यहां से बरामद कर लिया गया। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि वह घर बैठे कमाई के झांसे में आ गई थी। शुरुआत में ऑनलाइन टास्क पूरा करने पर उसे पैसे मिले, लेकिन बाद में आरोपियों ने टास्क पूरा न करने का आरोप लगाया। इसके बाद जेल भिजवाने की धमकी देकर पैसों की मांग शुरू कर दी थी। किशोरी ने एक हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बावजूद आरोपी पैसों की मांग कर रहे थे। डर के चलते किशोरी घर से चली गई थी।

एसीपी के मुताबिक, किशोरी ने एक हजार रुपये चिराग के खाते में ट्रांसफर किए थे। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर चिराग ने बताया कि उसका बैंक खाता दोस्त का भाई सुशांत चला रहा है। कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने शुक्रवार को दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए। इनकी पहचान थाना भजनपुरा दिल्ली के यमुना विहार निवासी सुशांत उर्फ श्याम सिंह और थाना गोकुलपुरी दिल्ली के गंगा विहार गोकुलपुरी निवासी सौरभ कुमार कपिल के रूप में हुई है। आरोपियों से पांच मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद हुआ है।

ऐसे करते थे वारदात

सौरभ ने बताया कि वह एमबीए पास है और नोएडा की क्लिक इंडिया डॉट कॉम कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव है। वह कंपनी के ग्राहकों का डेटा अपने पास रख लेता था और फिर फर्जी आईडी के नंबरों से संपर्क करता था। वह और उसके साथी घर बैठे कमाई का लालच देकर उन्हें जाल में फंसा लेते। शुरुआत में पीड़ितों को कमीशन देते हैं और बाद में टास्क पूरा न करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने तथा जेल भेजने का डर दिखाकर मोटी रकम खाते में ट्रांसफर करा लेते थे।

बैंक खाते मुहैया कराता था सुशांत

आरोपी सुशांत ने बताया कि चार वर्षों से उसकी सौरभ से दोस्ती है। सौरभ ने उसे अपने काम के बारे में बताया था। उसने बैंक खाता उपलब्ध कराने पर आठ फीसदी कमीशन देने की बात कही थी। इसी लालच में उसने अपने भाई लोकेश और उसके दोस्त चिराग के बैंक खाते सौरभ को दे दिए थे। उन खाते में जो भी पैसा आता था, उसमें से आठ फीसदी काटकर बाकी रकम सौरभ के बताए खाते में डाल देते थे। एसीपी का कहना है कि सौरभ का एक खाता फ्रीज मिला है, जिसे गैर राज्य ने फ्रीज कराया हुआ है। आरोपियों ने अब तक कितने लोगों से कितना पैसा ठगा है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

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