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चार महीने में 12 हजार फाइलों का निस्तारण से आवंटियों को फायदा होगा

गाजियाबाद में जीडीए ने प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 12,205 फाइलों को चार महीने में ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया है। इससे आवंटियों को सभी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त होगी। संपत्ति प्रबंधन...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादFri, 17 Jan 2025 06:45 PM
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गाजियाबाद। जीडीए के प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा रहा है। इसके तहत चार महीने में करीब 12 हजार फाइलों का निस्तारण करते हुए उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। साथ ही अन्य फाइलों को अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि भविष्य में आवंटियों को अपने भूखंड संबंधित सभी जानकारी ऑनलाइन मिल सके। जीडीए के प्रशासनिक कार्यों को आसान बनाने के लिए प्रोपर्टी मेनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत प्राधिकरण के सभी अनुभागों की फाइल स्कैनिंग कर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जीडीए अधिकारी बताते हैं कि इस व्यवस्था के लागू होने से प्राधिकरण का कार्यों में पारदर्शिता आएगी। साथ ही आवंटियों को भी प्रत्येक कार्य के लिए प्राधिकरण आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस व्यवस्था से डिजिटल परिवर्तन के तहत आवंटियों को सेवाएं प्रदान हो सकेंगी। अधिकारी बताते हैं कि इस दिशा में प्राधिकरण ने एक सितंबर से लेकर अभी तक 12,205 फाइलों का निस्तारण करते हुए उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया है। इसके लिए फाइलों के प्रत्येक दस्तावेज को स्कैनिंग की जा रही है। साथ ही आवंटियों की जो नई फाइल खुल रही है। उन्हें पूरी तरह से ऑनलाइन व्यवस्था के तहत ही खोली जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि व्यवस्था को इस साल लागू करने की योजना है।

इंजीनियरिंग विभाग की सबसे अधिक फाइल

इस प्रक्रिया के तहत इंजीनियरिंग विभाग की सबसे अधिक 2,199 फाइलों को संभालते हुए ऑनलाइन अपलोड कर दिया है। यह सभी फाइल 60 दिन के भीतर अपलोड की गई है। संपत्ति प्रबंधन विभाग की 1,325 फाइल शामिल है। जबकि प्रशासनिक विभाग की करीब 1,046 फाइल ऑनलाइन अपलोड कर है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण, योजना और निर्माण जैसे विभागों की फाइल भी अपलोड की गई है।

यह जानकारियां मिल सकेंगी

इस व्यवस्था के लागू होने से मूल आवंटी समेत समस्त क्रेताओं का विवरण, भुगतान का विवरण, रजिस्ट्री, कब्जे का दिनांक, बकाया आदि की जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए प्राधिकरण में व्यक्तिगत रूप से नहीं आना पड़ेगा। इसमें ऑटोमेटिक माध्यम से पेमेंट शिड्यूल तय हो सकेगा।

म्यूटेशन के बाद बनाना होगा आईडी

अधिकारी बताते हैं कि प्राधिकरण से जब किसी भी संपत्ति का म्यूटेशन होगा तो संपत्ति आईडी में बदलाव नहीं होगा। नए व्यक्ति के नाम संपत्ति होने के बाद ही जीडीए की तरफ से इस सिस्टम के माध्यम से नए मालिक के मोबाइल नंबर पर संपत्ति आईडी के लिए नया पासवर्ड बनाना होगा, जिसके माध्यम से आवंटी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेगा।

जीडीए में इस व्यवस्था के लागू होने से सभी प्रशासनिक कार्यों में तेजी और पारदर्शिता आएगी। साथ ही आवंटियों को फायदा होगा। उन्हें प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

- अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए

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