समस्याएं निपटाने के लिए मधुबन बापूधाम में खोला जीडीए का दफ्तर
गाजियाबाद में मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में जीडीए ने अपना दफ्तर खोला है। अपर सचिव हर मंगलवार समस्याओं का निस्तारण करेंगे। किसान और आवंटियों को भूमि अधिग्रहण, मुआवजे और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी...
-किसानों और आवंटियों की समस्या दूर की जाएंगी, आठ किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है लोगों को -हर मंगलवार को अपर सचिव यहीं पर शिकायतें सुनेंगे, अन्य दिनों में रोस्टर के अनुसार अभियंता मौजूद रहेंगे
गाजियाबाद, वरिष्ठ संवाददाता।मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को परवान चढ़ाने की तैयारी है। जीडीए ने योजना में ही अपना दफ्तर खोला है, जिसमें अपर सचिव समेत कई अधिकारी रोस्टर के अनुसार बैठेंगे। साथ ही किसानों व आवंटियों की समस्या का निस्तारण करेंगे।
जीडीए ने वर्ष 2004 में छह गांव की 1,234 एकड़ जमीन पर मधुबन बापूधाम योजना लान्च की थी। फिर 800 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। बची हुई 434 एकड़ जमीन के मालिक अधिग्रहण के विरोध में हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने जीडीए पक्ष में फैसला दिया, जिसके बाद प्राधिकरण ने 153 एकड़ जमीन और मिल गई, लेकिन 281 एकड़ जमीन के करीब 76 किसान 2010 में सुप्रीम कोर्ट चले गए। फिर कोर्ट ने नवंबर 2016 में नए भू-अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा देकर जमीन लेने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेशानुसार प्राधिकरण ने इन किसानों को बढ़ा मुआवजा दिया। अब 800 एकड़ जमीन के किसान भी बढ़ा मुआवजा मांग रहे हैं। वहीं, जीडीए ने वर्ष 2011 से 2015 के बीच विभिन्न पॉकेट में 2,316 भूखंड और डिस्ट्रिक सेंटर की योजना निकालीं। जिसमें इच्छुक आवेदकों ने आवेदन किया और उन्हें भूखंड मिला। लेकिन इन्हें अभी तक भूखंड पर कब्जा नहीं मिल सका है। अगर किसी को कब्जा मिला है, तो वहां पानी या सीवरेज की लाइन नहीं है। ऐसी ही समस्याओं को दूर करने के लिए प्राधिकरण ने योजना में अपना कार्यालय खोला है।
मंगलवार को अपर सचिव बैठेंगे
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स के निर्देश पर मधुबन बापूधाप आवासीय योजना का नोडल अधिकारी अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह को बनाया गया है। यह योजना के कार्यालय में प्रत्येक मंगलवार को बैठेंगे। ताकि क्षेत्र के विकास कार्यों पर नजर बनाए रखेंगे और उन्हें गुणवत्ता के साथ तय वक्त के भीतर पूरा कराए। साथ ही किसानों के साथ मुआवजे को लेकर चल रहे विवाद को निस्तारित करवा सके और आवंटियों की समस्या भी दूर कराए। इसके अलावा अन्य अधिकारियों व इंजीनियरों के लिए भी रोस्टर जारी किया है।
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आवंटियों की है समस्या
जीडीए ने इस योजना में श्मशान व कब्रिस्तान के पास भूखंड आवंटित कर दिए हैं। लेकिन इसका विरोध आवंटियों ने किया है। इनका विरोध देते हुए अब प्राधिकरण इन भूखंडों को अन्य स्थानों पर ट्रांसफर करने में जुटा है। साथ ही योजना के एसटीपी में नगर निगम ने कांवड़ यात्रा के दौरान कूड़ा डाला था, लेकिन यह कूड़ा अभी तक उठाया नहीं गया है। ऐसे में आवंटियों को कूड़े की बदबू से गुजरना पड़ रहा है। इसकी भी आवंटी कई बार शिकायत कर चुके हैं।
आवंटियों की कई समस्याएं है। इसमें मुख्य समस्या एसटीपी में कूड़ा डालने से होने वाली दिक्कत, आवंटियों को भूखंड तक पहुंचने के लिए संपर्क मार्ग नहीं होना। साथ ही सीवर व पानी की लाइन जाम होना या पूरी नहीं डालना है। अब अपर सचिव यहां बैठेंगे तो योजना जल्द पूरी होगी।
-राजेंद्र कुमार शर्मा, अध्यक्ष, मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसायटी
जीडीए ने मधुबन बापूधाम योजना में अपना दफ्तर खोला है। इसमें अपर सचिव समेत अन्य कर्मचारी बैठेंगे। ताकि किसान व आवंटियों की समस्याएं दूर हो सके और योजना को विकसित किया जा सके।
-अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए
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