अस्पतालों में नहीं हो रही शरीर की गांठ की जांच
- जांच के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटते है मरीज गाजियाबाद, संवाददाता। जिले
- जांच के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटते है मरीज गाजियाबाद, संवाददाता। जिले के अस्पतालों की पैथोलॉजिस्ट लैब में एफएनएसी (फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी) जांच नहीं हो पा रही। मरीजों को निजी लैब के चक्कर काटने पड़ रहे है।
सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज पहुंचते है, जिनके बाहरी अंग गले, अगूंठे, नसों या स्तन में गांठ बन जाती है या फिर हेल्थ चेकअप या किसी परीक्षणों के दौरान कोई असामान्य गांठ देखे जाने पर जांच की सलाह देते है। यह जांच पैथोलॉजिस्ट स्तर से की जाती है। भोजपुर से आए एक मरीज को एफएनएसी जांच के लिए संयुक्त जिला अस्पताल में पहुंचा। अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में पहुंचे मरीज को स्टाफ द्वारा बताया गया कि यहां जांच नहीं होती है। जिसके बाद मरीज निराश होकर वापस चला गया। संयुक्त जिला अस्पताल में दो पैथोलॉजिस्ट मौजूद है। इसके बावजूद एफएनएसी जांच नहीं की जा रही है। यहीं हाल एमएमजी अस्पताल का है। यहां भी जांच नहीं की जा रही है। ऐसे में जांच के लिए या तो मरीजों को प्राइवेट लैब में रुपये खर्च कर करके जांच करानी पड़ रही है। सरकारी अस्पताल से हर दिन कई मरीजों को बिना जांच के ही वापस भेज दिया जाता है। एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार का कहना है कि एफएनएसी जांच को लेकर प्रयास किया जा रहा है।
- जल्द शुरू की जांच
संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट मौजूद है। लैब में विभिन्न स्वास्थ्य जांच की जा रही है। एफएनएसी जांच को लेकर जरूरी उपकरण नहीं है। जल्द ही उपकरण की कमी को को दूर कराकर एफएनएसी जांच शुरू करा दी जाएगी।
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