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फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की संपत्ति बेचने का आरोप, चार पर केस

गाजियाबाद के कविनगर थानाक्षेत्र में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की संपत्ति बेचने का आरोप लगा है। अनुज मित्तल ने चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए फ्लैट और दुकानों...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादFri, 17 Jan 2025 10:20 PM
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गाजियाबाद। कविनगर थानाक्षेत्र में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों की संपत्ति बेचने का आरोप लगाया है। इस संबंध में नोएडा की कंपनी के प्रबंधक ने चार लोगों को आरोपी बनाते हुए डीसीपी सिटी को शिकायत दी। कविनगर पुलिस का कहना है कि एंटी फ्रॉड सेल की जांच के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है। कविनगर सी-ब्लॉक में रहने वाले अनुज मित्तल ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि वह सूरजपुर नोएडा स्थित मैसर्स इंफोटेक के प्रबंधक हैं। कंपनी का ब्रांच ऑफिस कविनगर सी-ब्लॉक में है। एनआर प्रोव्यू रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव कुमार अरोड़ा और सूदन रावत से उनकी जान-पहचान है। राजीव अरोड़ा ने उनसे कहा था कि कंपनी को फाइनेंस की आवश्यकता है। वह फाइनेंस करें तो उन्हें हर महीने निश्चित मुनाफा दिया जाएगा। अनुज मित्तल के मुताबिक उन्होंने पांच जून 2023 तक कुल 4.75 करोड़ रुपये एनआर प्रोव्यू रियलटेक कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। प्रतिमाह तयशुदा मुनाफे के अलावा मूल रकम 31 अक्तूबर 2023 तक लौटाने की बात तय हुई थी। लेकिन महीने पर मुनाफा मांगने पर राजीव अरोड़ा ने 31 अक्तूबर को सारा भुगतान एक साथ करने को कहा। एक नवंबर 2023 को उन्होंने पैसे मांगे तो राजीव अरोड़ा ने वित्तीय परेशानी बताई और कुछ समय की मोहलत मांगी। काफी समय बीतने के बाद भी उन्हें रकम नहीं मिली। उन्होंने रकम दिलाने के लिए कुछ कारोबारियों से भी कहा था, जिससे राजीव अरोड़ा नाराज हो गए। अनुज मित्तल के मुताबिक 20 फरवरी 2024 को वह राजनगर गए हुए था, जहां सूदन रावत के घर के पास राजीव अरोड़ा ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट कर दी। इस दौरान राजीव अरोड़ा ने उन पर पिस्टल तान दी और जिंदा रहने के बदले में 15 दिन के भीतर एक करोड़ रुपया देने की बात कही। अनुज मित्तल का कहना है कि उन्होंने घटना की रिपोर्ट कविनगर थाने में दर्ज कराई थी।

अनुज मित्तल का कहना है कि राजनगर सेक्टर-नौ निवासी राजीव कुमार अरोड़ा, सूदन रावत, सुशांत लोक प्रथम गुरुग्राम निवासी जयपाल सिंह और पीतमपुरा दिल्ली निवासी पंकज गुप्ता लोगों को फ्लैट-दुकान देने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। चारों आरोपियों ने अपनी कंपनी के लैटर पैड पर 11 फ्लैट उनकी कंपनी की मालकिन सरिता को आवंटित दिखाए थे। राजीव कुमार अरोड़ा ने अपनी जमानत अर्जी में 11 फ्लैट के अलावा पांच दुकानें सरिता देवी के नाम दर्शाकर दस्तावेज कोर्ट में दाखिल किए, जिनके आधार पर राजीव अरोड़ा को जमानत मिल गई। अनुज मित्तल के मुताबिक आरोपियों ने सरिता देवी के नाम आवंटित कई फ्लैट अन्य लोगों को बेच दिए। सभी फ्लैट फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचे गए। फर्जीवाड़े के संबंध में अनुज मित्तल ने डीसीपी सिटी को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि एंटी फ्रॉड सेल की जांच के बाद राजीव कुमार अरोड़ा और तीन अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है।

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