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अभियान चलाकर अवैध कोचिंग संस्थानों को बंद कराया जाएगा

गाजियाबाद में शिक्षा विभाग ने अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जिले में 500 से अधिक कोचिंग चल रही हैं, जिनमें से केवल 40 पंजीकृत हैं। अभिभावकों द्वारा धोखाधड़ी के मामले...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादThu, 16 Jan 2025 10:52 PM
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- आरडीसी में बिना पंजीकरण अभिभावकों से फीस लेकर धोखाधड़ी के मामले के बाद शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी - जिले में 500 से ज्यादा कोचिंग हो रहे संचालित, पंजीकरण सिर्फ 40, फायर एनओसी केवल 10 के पास

- नियमों को ताक पर रख भ्रामक विज्ञापन दिखाकर छात्रों के भविष्य से कर रहे खिलवाड़

गाजियाबाद, गुलशन भारती। जिले में अवैध रूप से संचालित होने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इनकी जांच करने के लिए शिक्षा विभाग टीम बनाकर अभियान चलाएगा और जितने भी कोचिंग बिना पंजीकरण चल रहे हैं उन सभी को बंद कराया जाएगा। जिले में केवल 40 ही कोचिंग पंजीकृत हैं। वहीं लगभग 10 कोचिंग के पास ही फायर एनओसी है।

जिले में तकरीबन 500 से अधिक कोचिंग का संचालन हो रहा है, मगर शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से केवल 40 कोचिंग संस्थान ही पंजीकृत हैं। इसके अलावा अन्य कोचिंग का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अग्निशमन विभाग की फायर एनओसी भी सिर्फ 10 के पास ही है। नियमों के मुताबिक, कोचिंग संस्थान व्यवसायिक गतिविधि में आते हैं और इन्हें नंदग्राम स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से मान्यता लेना जरूरी है। इसके अलावा फायर एनओसी समेत सुरक्षा के दूसरे नियमों का पालन करना भी जरूरी है। बावजूद इसके बिना सुरक्षा उपाय के जिले के अवैध कोचिंग सेंटर अपने मुनाफे के लिए सरकारी नौकरी, प्रवेश परीक्षा समेत विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। बता दें कि अभी हाल ही में आरडीसी स्थित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाले एक कोचिंग पर अभिभावकों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। आरोप है कि कोचिंग ने दो साल की पांच लाख तक एडवांस फीस जमा करा ली, मगर वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों ने पढ़ाने से इंकार कर दिया। यह कोचिंग पंजीकृत भी नहीं था। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक ने कोचिंग के खिलाफ धोखाधड़ी तथा अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि अभियान चलाकर सभी कोचिंग की जांच की जाएगी। बगैर पंजीकरण चलने वाले सभी कोचिंग को बंद कराया जाएगा।

पंजीकृत सूची से कई नामी कोचिंग गायबः

कई बड़े नामी कोचिंग संस्थान जिला स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं हैं। जब उनसे बात की तो नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि पंजीकरण के लिए आवेदन किया हुआ है। वहीं, कई संचालकों ने बताया कि नवीनीकरण के लिए आवेदन किया हुआ है। बता दें कि जिले के आरडीसी, राजनगर एक्सटेंशन, राकेश मार्ग, कवि नगर, वैशाली, शालीमार गार्डन, वसुंधरा, मुरादनगर, मोदीनगर, लोनी आदि में बड़े स्तर पर कोचिंग संस्थानों का संचालन हो रहा है।

हादसों से भी नहीं लिया सबक:

बीते वर्ष जुलाई में दिल्ली में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से डूबकर छात्रों की मौत हो गई थी। उस वक्त भी जिले में केवल 40 ही कोचिंग संस्थान पंजीकृत थे। उस दौरान शिक्षा विभाग ने अभियान चलाकर कार्रवाई करने की बात कही थी। तकरीबन छह माह बाद भी पंजीकृत संस्थानों की संख्या 40 ही है। इसके बाद भी अभिभावक बच्चों का भविष्य संवारने के लिए उन्हें ऐसे कोचिंग संस्थानों में भेज रहे हैं, जहां आग लगने या किसी प्राकृतिक आपदा से बचने का कोई इंतजाम नहीं हैं।

कोचिंग के लिए प्रमुख गाइडलाइनः

- जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पंजीकरण हो

- आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम के साथ अग्निशमन विभाग की एनओसी जरूरी

- कोचिंग में आने और जाने के लिए अलग-अलग गेट हो

- बेसमेंट में कक्षाएं संचालित नहीं होनी चाहिए

- छात्रों के बैठने और उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हों

- आपातकालीन द्वार होना चाहिए

- वाहन पार्क करने के लिए पार्किंग की सुविधा हो

टीम बनाकर जिले के सभी कोचिंग संस्थानों की जांच कराई जाएगी। जो भी कोचिंग बिना पंजीकरण और नियमों का पालन नहीं करता पाया गया, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई करके बंद कराया जाएगा। सभी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण होना अनिवार्य है।

-धर्मेंद्र शर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक

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