वीसी ने दिए निलंबित प्राचार्य की बहाली के निर्देश, कार्यवाहक प्राचार्य का कुर्सी छोड़ने से इंकार
गाजियाबाद के एमएमएच कॉलेज में निलंबित प्राचार्य प्रो. पीयूष चौहान की बहाली को लेकर ड्रामा हुआ। कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया, जबकि वीसी ने बहाली के निर्देश दिए थे। इस...
- एमएमएच के निलंबित प्राचार्य की बहाली को लेकर पूरे दिन होता रहा ड्रामा - कार्यवाहक प्राचार्य ने पद छोड़ने से किया इंकार, कहा प्रबंधन समिति से नहीं मिला निर्देश
गाजियाबाद, कार्यालय संवाददाता। वाइस चांसलर के निर्देश के बावजूद भी एमएमएच कॉलेज के निलंबित प्राचार्य शनिवार को कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके। असल में कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य ने उन्हें कार्यभार सौंपने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक कॉलेज समिति निर्देश नहीं देगी तब तक वह पद पर बने रहेंगे। वहीं निलंबित प्राचार्य ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी से की है।
जिले के प्रतिष्ठित कॉलेज एमएमएच में निलंबित प्राचार्य की बहाली को लेकर पूरा दिन ड्रामा होता रहा। वीसी का आदेश पाकर निलंबित प्राचार्य प्रो. पीयूष चौहान शनिवार को कार्यभार ग्रहण करने कॉलेज पहुंचे तो वहां फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया, मगर कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने कुर्सी छोड़ने से इंकार कर दिया। ऐसे में वह पूरा समय डीन ऑफिस में ही बैठे रहे। असल में कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने का कहना है कि जब तक प्रबंधन समिति से कोई निर्देश नहीं मिलता तब तक वह कार्यभार नहीं छोड़ेंगे। पहले समिति की बैठक होगी जिसमें निलंबित प्राचार्य की बहाली होगी या नहीं यह फैसला लिया जाएगा। बता दें कि वीसी ने 20 सितंबर को पत्र जारी करते हुए निलंबित प्राचार्य प्रो. पीयूष चौहान की बहाली के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। वहीं जब इस मामले में पक्ष लेने के लिए कॉलेज समिति के सचिव कॉल किया गया, मगर उन्होंन कॉल रिसीव नहीं की।
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निलंबन को बताया विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघनः
गौरतलब है कि वित्तीय अनियमित्ता और सहायक लेखाकार अनुज उपाध्याय पर जानलेवा हमला कराने के आरोप में प्रो. पीयूष चौहान 14 अगस्त से प्राचार्य पद से निलंबित चल रहे हैं। हालांकि वह सभी आरोपों से इंकार करते रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत निलंबन से पहले वीसी का आदेश जरूरी है, मगर ऐसा नहीं हुआ। अब वीसी के आदेश के बाद भी उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया। शिकायत करने पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने भी कॉलेज समिति को तत्काल बहाली कराने के निर्देश दिए हैं। अगर अब भी इस पर अमल नहीं हुआ तो वह फिर वीसी से शिकायत करेंगे।
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वित्तीय अनिमित्ता को लेकर शासन ने कराया ऑडिट, रिपोर्ट जल्दः
निलंबित प्राचार्य पर कॉलेज के कार्यों में वित्तीय अनियमित्ता के आरोप हैं। इसकी जांच के लिए शासन स्तर से विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 40 के तहत कॉलेज का ऑडिट कराया गया है। शासन स्तर से भेजी गई टीम ने 12 से 14 सितंबर तक वित्तीय अनिमित्ता की जांच की है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है। यह जांच वित्तीय अनियमित्ता के गंभीर आरोपों को लेकर की जाती है।
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वीसी के आदेश के बावजूद कार्यभार ग्रहण नहीं दिया गया। कोशिशों के बाद भी कॉलेज प्रबंधन समिति से मुलाकात नहीं हो सकी। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने भी तत्काल बहाली के निर्देश दिए हैं। फिर भी बहाली नहीं हुई तो वीसी से शिकायत की जाएगी।
- प्रो. पीयूष चौहान, निलंबित प्राचार्य, एमएमएच कॉलेज।
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वीसी के आदेश पर पहले प्रबंधन समिति की बैठक होगी, जिसमें बहाली पर फैसला लिया जाएगा। जब तक समिति का निर्देश नहीं मिलता तब तक कार्यभार नहीं छोड़ सकता।
- डॉ संजय सिंह, कार्यवाहक प्राचार्य, एमएमएच कॉलेज।
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गुलशन भारती
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