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एनएचआरएम घोटाले में लिपिक के बयान दर्ज हुए

गाजियाबाद में एनएचआरएम घोटाले की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के लिपिक विपिन कुमार का बयान दर्ज किया गया। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 28 जनवरी तय की। इसके अलावा, नोएडा...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादTue, 17 Dec 2024 11:52 PM
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गाजियाबाद। गोंडा के स्वास्थ्य विभाग में हुए एनएचआरएम घोटाले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई द्वारा पेश किए गए स्वास्थ्य विभाग के लिपिक विपिन कुमार के बयान दर्ज हुए। विपिन ने दवाइयों के खरीद बिल तथा अन्य साक्ष्य सीबीआई को उपलब्ध कराने की बात कही। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 28 जनवरी निर्धारित की है। कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. एमएम खान ने गोंडा सीएमओ के पद पर रहते हुए कीड़े मारने की दवाई समेत अन्य दवाइयों की खरीद-फरोख्त दिखाई। निजी फर्म के मालिक संजय को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर और नियमों को ताक पर रखकर खरीदारी की साजिश रची गई। इस खरीदारी से एनएचआरएम मद का 17 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक हानि हुई। सुनवाई के दौरान लिपिन के बयान दर्ज हुए तो वहीं, बचाव पक्ष ने नियमों के तहत दवाइयों की खरीदारी करने की बात कही।

नोएडा प्राधिकरण घोटाले में गवाह से जिरह हुई

गाजियाबाद। नोएडा प्राधिकरण घोटाले में विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई द्वारा पेश किए गए गवाह एके गोयल से जिरह की गई। जिरह के बाद अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 20 दिसंबर निर्धारित की है। बता दें, कि नोएडा प्राधिकरण में हुए हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई ने प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें नोएडा प्राधिकरण के कई इंजीनियर, तीन कंस्ट्रक्शन कंपनी तथा तीन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंध निदेशक भी शामिल हैं। सीबीआई के मुताबिक यादव सिंह ने टेंडर पास होने से पहले ही करोड़ों रुपये का काम करा दिया और काम पूरा होने के बाद टेंडर छोड़ा गया।

अपराध स्वीकारने पर कोर्ट उठने तक की सजा सुनाई

-वर्ष 2008 में लोनी पुलिस ने भागमल नाम के शख्स को अवैध शराब की बिक्री के आरोप में किया था गिरफ्तार

-भविष्य में शराब न बेचने तथा मेहनत-मजदूरी करने की शपथ लेने पर कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा

गाजियाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। अवैध शराब की बिक्री के आरोप में 16 साल पहले पकड़े गए भागमल को अदालत ने कोर्ट खत्म होने तक खड़े रहने की सजा सुनाई। भागमल ने अपराध स्वीकारते हुए भविष्य में कभी अवैध शराब न बेचने तथा मेहनत-मजदूरी कर बच्चों को पालने की शपथ ली तो न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसे अदालत उठने तक की सजा सुनाई और एक हजार का अर्थदंड भी डाला।

जानकारी के मुताबिक लोनी पुलिस ने वर्ष 2008 में भागमल को अवैध शराब की बिक्री के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जमानत पर छूटने के बाद से भागमल लगातार पेशी पर आ रहा था। गवाहों के पेश न होने के चलते मुकदमा कोर्ट में लंबित था और लंबे समय से उसमें कोई सुनवाई नहीं हुई। भागमल ने कोर्ट में पेश होकर अपना अपराध स्वीकार किया और भविष्य में कोई अपराध न करने तथा बच्चों को पालने के लिए मेहनत-मजदूरी करने की शपथ ली। उसने कहा कि उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं और वह अकेला कमाने वाला है, लिहाजा कम अर्थदंड से दंडित किया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि केस वर्ष 2008 से विचाधारीन है और लंबित प्रकरणों में से एक है। सुनवाई के दौरान अभियुक्त लगातार कोर्ट में उपस्थित रहा और विचारण में पूरा सहयोग किया। इन सब परिस्थितियों के मद्देनदर भागमल को न्यायालय उठने तक की सजा से दंडित किया जाता है। साथ ही उस पर एक हजार रुपये का अर्थदंड भी डाला।

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धर्म छिपाकर युवती से दुष्कर्म का आरोपी बरी

गाजियाबाद। धर्म छिपाकर दोस्ती के बाद शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने तथा पीड़िता के अश्लील फोटो-वीडियो हटाने की एवज में ढाई लाख रुपये लेकर फरार होने के आरोपी को कोर्ट से साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अधिवक्ता नसीम चौधरी के मुताबिक नाहल निवासी आसिफ ने इंस्टाग्राम पर दीपक के नाम से अकाउंट बनाया था। वहां लोनी बॉर्डर थानाक्षेत्र की एक युवती की दीपक से दोस्ती हो गई थी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और शारीरिक संबंध भी बने। एक दिन युवती ने दीपक का आधार कार्ड देखास तो उसके असली नाम का पता चला, जिसके बाद युवती ने शादी से इनकार कर दिया। युवती के मुताबिक आसिफ ने अश्लील फोटो और वीडियो होने का हवाला देते हुए उसे लालकुआं पर बुलाया और वहां युवती से रकम लूटकर भाग गया। युवती ने दुष्कर्म, धर्म छिपाकर शादी का प्रयास करने तथा लूट का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आसिफ को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट व अपर जिला सत्र न्यायाधीश रश्मि रानी की अदालत में चल रही थी। मंगलवार को केस की अंतिम सुनवाई हुई। अदालत ने बयानों में विरोधाभास के चलते संदेह का लाभ देते हुए अभियुक्त को बरी कर दिया।

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