सेना की जमीन पर पौधे लगाकर कब्जा होने से बचाया जाएगा
गाजियाबाद के विजयनगर में सेना की कब्जामुक्त जमीन पर पौधे लगाने की योजना बनाई जा रही है। इससे जमीन पर दोबारा कब्जा नहीं होगा और क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। साथ ही, समाजवादी...
गाजियाबाद। विजयनगर के चांदमारी में कब्जामुक्त कराई सेना की जमीन पर पौधे लगाकर हरा भरा किया जाएगा। ऐसा कर जमीन पर दोबारा कब्जा नहीं होगा।वहीं शहर में हरियाली बढ़ाकर प्रदूषण को भी नियंत्रण किया जा सकेगा। मेरठ छावनी का रक्षा संपदा कार्यालय पौधे लगाने की योजना तैयार कर रहा है। चांदमारी में सेना की 161 एकड़ से ज्यादा जमीन है। इस पर सेना का फायरिंग रेंज बनना प्रस्तावित है। कई साल से जमीन खाली है। लोग बड़ी संख्या में झुग्गी डालकर रह रहे थे।रक्षा संपदा कार्यालय की टीम ने पिछले दिनों अभियान चलाकर जमीन को खाली करा लिया।बुलडोजर चलवाकर पक्का निर्माण भी ध्वस्त किया।रक्षा संपदा कार्यालय ने जमीन पर फिर से कब्जा न हो इसकी योजना तैयार कर ली है।एसडीओ वीके गुप्ता ने बताया कि कब्जामुक्त कराई जमीन पर पौधे लगाने की योजना है।इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी। पौधे लगने से जमीन पर दोबारा कब्जा नहीं होगा।साथ ही क्षेत्र हरा भरा रहेगा। लोगों को प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि जमीन की चारदीवारी या तारबंदी का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है।
सपा प्रतिनिधिमंडल ने चांदमारी जाकर लोगों से बात की
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष फैसल हुसैन और महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल चांदमारी पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने वहां झुग्गी हटाने से बेघर परिवारों से बात की।जिस बच्ची की मौत हुई उसके परिजनों से मिलकर हर संभव सहायता का भरोसा दिया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि लोगों को किसी दूसरे स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर उन्हें बेघर किया गया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि बेघर परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराए जाए। प्रतिनिधिमंडल में सिंहराज सिंह जाटव, महबूब लारी, मनोज पंडित, अमन यादव, राजवीर गौतम, हाजी आशिफ आदि मौजूद रहे।
लोगों ने फिर से झुग्गी डाली
जमीन खाली कराने के दो दिन बाद ही कुछ लोगों ने फिर से झुग्गी डालकर रहना शुरू कर दिया है। इन लोगों ने बताया उनके पास किराये पर मकान लेने के लिए पैसे नहीं है। वह परिवार के साथ खुले में रहने को मजबूर है। ठंड से बचने के लिए झुग्गी डाली हैं। ठंड खत्म होेने के बाद खुद झुग्गी हटाकर चले जाएंगे।लोगों ने बताया कि अधिक ठंड के चलते बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं।
रैन बसेरे में जा सकते हैं लोग
प्रशासन ने लोगों के लिए रैन बसेरे में रहने के लिए कहा है। प्रशासन की तरफ से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि जिन लोगों के पास मकान नहीं है वह पहचान पत्र दिखाकर रैन बसेरे में रह सकते हैंं। रैन बसेरों में ठंड से बचाव के सभी इंतजाम हैं।
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