ठंड की दस्तक और बीमारी के मौसम में आधी-अधूरी ड्रेस में स्कूल पहुंच रहे 19 हजार छात्र
गाजियाबाद में 89,000 में से 30 फीसदी (19,000) छात्रों को यूनिफॉर्म की धनराशि नहीं मिली है। आधार और बैंक खाते सीड न होने के कारण 15,000 से अधिक छात्र डीबीटी से वंचित रह गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की...
- सात महीने बाद भी कुल 89,000 में से 30 फीसदी (19,000) छात्रों को नहीं मिली यूनिफॉर्म की धनराशि - बगैर आधार और खाते सीड न होने से 15 हजार से अधिक छात्र डीबीटी से वंचित
गाजियाबाद, कार्यालय संवाददाता। जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग लगभग 30 फीसदी छात्र-छात्राओं को अब तक भी यूनिफॉर्म के लिए मिलने वाली धनराशि का लाभ नहीं मिल सका है। दावा था कि अप्रैल 2024 में ही सभी पंजीकृत छात्रों को धनराशि पहुंचा दी जाएगी, मगर सात महीने बाद भी न तो शिक्षा विभाग छात्रों के आधार बनवा सका और न उनके खाते सीड करा पाया। कई छात्रों को आधार और खाता सीड होने के बावजूद भी धनराशि नहीं मिल सकी।
जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 89 हजार में से 19 हजार छात्रों को यूनिफॉर्म की धनराशि नहीं मिल सकी है। एक तरफ मौसम के चलते डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां भी फेल रहीं हैं जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने पूरी बांह के कपड़े पहनने की हिदायत दी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ ठंड ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे में यूनिफॉर्म की धनराशि नहीं मिलने से अभिभावक अपने बच्चों के लिए पूरी बांह की यूनिफॉर्म और जूते-बैग नहीं खरीद पा रहे हैं, जिससे छात्रों को बीमार होने का डर सता रहा है। या तो छात्र आधी बांह और पुरानी यूनिफॉर्म पहने या फिर घरेलू कपड़ों में स्कूल पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि जिले में 446 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूल हैं, जहां पढ़ने वाले छात्रों को शासन की तरफ से स्कूल यूनिफॉर्म, जूते-मौजे, बैग और स्टेशनरी के लिए 1200 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
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12 हजार के खाते सीड नहीं, 3500 छात्र बगैर आधारः
शिक्षा विभाग के मुताबिक बगैर आधार कार्ड और बैंक खाते सीड नहीं होने से छात्रों को यूनिफॉर्म की धनराशि का लाभ नहीं मिल पाया है। डीबीटी समन्वयक रूचि ने बताया कि लगभग 12 हजार से ज्यादा छात्रों के बैंक खाते सीड नहीं है। इसके लिए एलडीएम को पत्र लिखा गया है। जबकि साढ़े तीन हजार छात्रों के आधार ही नहीं है। इसके अलावा ढाई हजार से अधिक छात्रों का डाटा शासन को भेजा गया है उन्हें जल्द ही लाभ मिल जाएगा।
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हर साल दिसंबर तक करना पड़ता है इंतजारः
शिक्षा विभाग का दावा था कि अप्रैल 2024 में ही छात्रों को धनराशि मिल जाएगी। इसके लिए सत्र शुरू होने से पहले ही छात्रों के आधार और खाते सीड करने की प्रक्रिया शुरू करा दी थी, मगर सत्र शुरू हुए सात महीने से ज्यादा हो गए हैं। न तो शिक्षा विभाग छात्रों के आधार बनवा सका और न ही उनके खाते सीड करा सका है। हर साल छात्रों को दिसंबर तक इंतजार करना होता है।
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सभी छात्रों को यूनिफॉर्म की धनराशि दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बिना प्रमाण पत्र जिनके आधार नहीं बन पाए हैं उन छात्रों के आधार बनवाने की कोशिश की जा रही है। वहीं खाते सीड कराने के लिए भी पत्र लिखा गया है।
- ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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