गाजियाबाद में वार्ड 35 की निगम पार्षद रितु चौधरी को कोर्ट से झटका, चुनाव अयोग्य घोषित
गाजियाबाद में अपर जिला जज की कोर्ट ने नगर निगम के वार्ड 35 की पार्षद को आयोग घोषित कर दिया है। अदालत ने जिला निर्वाचन अधिकारी को इस वार्ड के सभी उम्मीदवारों के प्रपत्रों की जांच कर योग्य प्रत्याशी निर्वाचित घोषित करने के आदेश दिए हैं।
गाजियाबाद में अपर जिला जज की कोर्ट ने नगर निगम के वार्ड 35 की पार्षद को आयोग घोषित कर दिया है। अदालत ने जिला निर्वाचन अधिकारी को इस वार्ड के सभी उम्मीदवारों के प्रपत्रों की जांच कर योग्य प्रत्याशी निर्वाचित घोषित करने के आदेश दिए हैं।
नगर निगम के वार्डों का चुनाव 11 मई 2023 को हुआ था और 13 मई 2023 को इसका परिणाम घोषित किया गया। परिणाम के दौरान वार्ड 35 अकबरपुर बहरामपुर से रितु चौधरी को विजयी घोषित किया गया। घोषणा के बाद इसी वार्ड के उम्मीदवार पिंटू सिंह ने अदालत में याचिका दाखिल की। इसमें उन्होंने अदालत को बताया कि विजयी उम्मीदवार रितु चौधरी ने नामांकन के दौरान जो प्रपत्र दाखिल किए थे, वह अधूरे थे। उनमें कुछ कॉलम खाली छोड़ दिए गए थे। चल और अचल संपत्ति का ब्योरा सही नहीं दिया गया था। इतना ही नहीं उनकी ओर से नामांकन पत्र में जो प्रस्तावक लिखे गए थे, उनको बाद में काटकर उनका नाम बदल दिया गया।
अन्य कई प्रकार की खामियों को उजागर करते हुए उन्होंने अदालत में रितु चौधरी के निर्वाचन को रद्द करते हुए उन्हें निर्वाचित उम्मीदवार घोषित करने की प्रार्थना की थी। याचिकाकर्ता ने इस मामले में पार्षद रितु चौधरी के अलावा जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया था।
मामले की सुनवाई अपर जिला जज कोर्ट संख्या-6 इंदु द्विवेदी की अदालत में चल रही थी। अदालत ने जांच के बाद निर्णय दिया कि वार्ड-35 अकबरपुर बहरामपुर से रितु चौधरी का निर्वाचन शून्य घोषित किया जाता है। साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि वह आदेश के एक माह के भीतर इस वार्ड के सभी प्रत्याशियों के नामांकन प्रपत्रों की सही समीक्षा कर योग्य पार्षद घोषित करना सुनिश्चित करें।
रिटर्निंग ऑफिसर पर भी कार्रवाई होगी
अदालत ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर ने अपने कर्तव्यों का सही से पालन नहीं किया है। ऐसे में उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए।
याचिकाकर्ता भी अयोग्य
अदालत ने निर्णय दिया कि याचिकाकर्ता पिंटू सिंह ने स्वयं को निर्वाचित उम्मीदवार घोषित करने की मांग की थी, लेकिन साक्ष्य में यह सिद्ध हुआ कि याचिकाकर्ता का नामांकन पत्र में प्रस्तुत शपथ पत्र भी अपूर्ण है। ऐसी स्थिति में उन्हें निर्वाचित उम्मीदवार घोषित नहीं किया जा सकता।