गाजियाबाद : बैंकों के ड्रॉप बॉक्स से मोटी रकम के चेक चुराने वाला गैंग पकड़ा, नाम बदलकर निकालते थे पैसा
गाजियाबाद की साइबर थाना पुलिस ने बैंक के ड्रॉप बॉक्स से चेक निकालने के बाद उसमें नाम बदलकर रकम अपने खातों में ट्रांसफर कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह आरोपी अब तक कई राज्यों के लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।
गाजियाबाद की साइबर थाना पुलिस ने बैंक के ड्रॉप बॉक्स से चेक निकालने के बाद उसमें नाम बदलकर रकम अपने खातों में ट्रांसफर कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में सोमवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, आरोपी जरूरतमंद और भोलेभाले लोगों को लालच देकर उनके नाम पर बैंकों में खुलवाए खाते भी ठगों को देते थे और खुद भी इनका इस्तेमाल करते थे। यह आरोपी अब तक कई राज्यों के लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को विजयनगर थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों में जिला नदिया पश्चिम बंगाल के बेलतला बाजार निवासी अमित राय, थाना बढ़ापुर जिला बिजनौर के गांव बढ़ापुर निवासी विवेक कुमार उर्फ जतिन गुप्ता और सोनिया विहार दिल्ली निवासी राहुल शामिल हैं। अमित राय हाल में थाना रोहिणी दिल्ली के सेक्टर-17 में लक्ष्मी चक्की मिल के ऊपर रह रहा था। कंप्यूटर साइंस से एमएससी पास अमित राय गैंग का सरगना है। विवेक बीएससी और राहुल सातवीं पास है। पुलिस को आरोपियों के कब्जे से नौ मोबाइल फोन, एक चेकबुक, एक पासबुक और दो एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।
एडीसीपी क्राइम के मुताबिक, पश्चिम बंगाल निवासी उत्तम दा, बिजनौर निवासी अनुज कुमार और अतुल, देहरादून निवासी मुकेश चौहान उर्फ प्रधान और दिल्ली निवासी विक्की यादव भी गिरोह में शामिल हैं। इन पांचों की भी तलाश की जा रही है।
एडीसीपी ने बताया कि आरोपी बैंक जाकर एक चेक ड्रॉप बॉक्स में डालते थे। यह काम बैंककर्मी की नजरों के सामने होता था। थोड़ी देर बाद चेक में कुछ गलती हो जाने की बात कहते हुए बैंककर्मी से ड्रॉप बॉक्स खोलने को कहते थे। कर्मचारी बॉक्स खोल देता था, जिसके बाद आरोपी अपने चेक के बजाय किसी अन्य व्यक्ति के उस चेक को निकाल लेते थे, जिसमें मोटी रकम भरी होती थी। इसके बाद केमिकल की मदद से चेक पर लिखा नाम बदलकर अपना नाम डाल देते थे और चेक में भरी गई रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते थे।
एडीसीपी के मुताबिक, आरोपी देश के सभी बड़े महानगरों में जाकर चेक फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। अभी तक कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, दिल्ली, बड़ौदा, नागपुर, भोपाल, विजयवाड़ा, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली के 33 चेक ट्रेस हुए हैं।
करोड़ों की रकम खाते में मंगवाई
एडीसीपी क्राइम ने बताया कि गिरोह के सदस्य जरूरतमंदों को ट्रेस करते थे और उनके नाम पर खाते खुलवाते थे। इन खातों को वह साइबर अपराधियों को मुहैया कराते थे। एडीसीपी ने बताया कि गुजरात के राजकोट निवासी रिद्धिष शाह से ठगे गए 3.66 करोड़ रुपये, अहमदाबाद निवासी जिगनेश भाई से ठगे गए 44 लाख रुपये, आनंद से ठगे गए 39 हजार रुपये, राजस्थान के भीलवाड़ा निवासी विजय सिंह से ठगे गए तीन लाख रुपये, पंजाब के गुरदासपुर निवासी अनिल से ठगे गए 75 हजार रुपये और तेलंगाना के करीमनगर निवासी अभिनव रेड्डी से ठगे गए साढ़े तीन हजार रुपये भी आरोपियों द्वारा संचालित खातों में आए थे।
ठगी की रकम से अय्याशी करता था सरगना
पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सरगना अमित राय के पास दो नामी कंपनियों के लेटेस्ट मॉडल के मोबाइल बरामद हुए हैं। उसके मोबाइल में तमाम आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए हैं। संजय राय साइबर ठगी की रकम से अय्याशी करता था। एडीसीपी क्राइम का कहना है कि आरोपी करीब आठ महीनों से ठगी कर रहे थे। अभी तक उनके द्वारा 25 खाते संचालित करने की डिटेल मिली है। अधिक जानकारी जुटाने के लिए आरोपियों के मोबाइलों का डेटा रिकवर कराया जाएगा। इसके अलावा अब तक कितने लोगों से ठगी की है, इसकी जानकारी भी जुटाई जाएगी।