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NCR के इस शहर में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाने की तैयारी तेज, इन 3 इलाकों पर नजर

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसी साल गाजियाबाद में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सेंटर को लेकर कवायद शुरू हो गई है।

Aditi Sharma हिन्दुस्तानSun, 24 Nov 2024 03:12 PM
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दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सेटेलाइट सेंटर बनाने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। केंद्र की टीम ने जिले में तीन इलाकों में जगह देखी हैं। वसुंधरा, मंडोला विहार में आवास एवं विकास परिषद और सिद्धार्थ विहार में सिंचाई विभाग की जमीन का मुआयना किया था। जगह चिह्नित होते ही जमीन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी साल गाजियाबाद में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सेंटर को लेकर कवायद शुरू हो गई है। केंद्र की टीम इसके लिए तीन इलाकों में जगह देख चुकी है। तीनों ही इलाके हाईवे और एक्सप्रेसवे से सटे हैं। आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र से आई टीम ने सैटेलाइट सेंटर के लिए सबसे पहले वसुंधरा में जमीन देखी थी। इसके लिए सेक्टर सात और आठ की खाली पड़ी जमीन में से 12 एकड़ भूमि उन्होंने उपयुक्त बताई थी। इसके बाद दूसरी बार भी टीम आई।

दूसरी बार अधिकारियों को सिद्धार्थ विहार और मंडोला विहार में भी जमीन दिखाई गई। मंडोला विहार के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे से कनेक्टिविट होने के चलते यहां भी सेंटर बनाया जा सकता है। यहां जमीन भी सस्ती मिलेगी। इसके अलावा सिद्धार्थ विहार में सिंचाई विभाग की जमीन देखी थी। सूत्रों का कहना है कि सिद्धार्थ विहार में जमीन सिंचाई विभाग की होने के कारण इसके हस्तातंरण में देरी हो सकती है। ऐसे में केंद्र की टीम इसे अपनी सूची से निकाल सकती है। एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनने से गाजियाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। वहीं दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में जुटने वाली भीड़ भी कम होगी।

वसुंधरा सबसे उपयुक्त

मंडोला विहार हाईवे से कनेक्ट है और कुछ ही मिनट में अक्षरधाम पहुंचने की सुविधा होगी। हालांकि यहां आबादी अधिक नहीं है। वहीं शहर के लोगों के लिए यह काफी दूर भी पड़ेगा। वसुंधरा दिल्ली के नजदीक है। लिंकरोड के अलावा एनएच-नौ भी पास पड़ता है और यहां आने वाले लोगों की सहूलियत को देखें तो प्रस्तावित जगह नमो भारत के साहिबाबाद स्टेशन के पास है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है एम्स के सैटेलाइट सेंटर के लिए वसुंधरा सबसे उपयुक्त जगह है।

रिपोर्ट के आधार पर चल रहा मंथन

केंद्र की टीम ने सेंटर के लिए जिन तीन इलाकों में जमीन देखी है, उससे संबंधित रिपोर्ट भी लेकर गए थे। इस रिपोर्ट में इलाके का नाम, कनेक्टिविटी, आसपास आबादी का घनत्व, जमीन की दर, किस विभाग की है और जमीन को लेकर कोई विवाद तो नहीं है, इन सभी बिंदुओं का जिक्र है। इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र की टीम मंथन कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जमीन चिह्नित होते ही आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। इससे लोगों को सहूलियत मिल सकेगी।

आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता अजय कुमार मित्तल ने कहा, तीनों इलाकों की जमीन दिल्ली से आई टीम को पसंद आई थी। जमीन चिह्नित होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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