देर से ऑफिस पहुंचे 40 कर्मचारी, एक घंटे बाहर रखा खड़ा; ऐक्शन मोड में GDA उपाध्यक्ष
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में देरी से आने वाले कर्मियों पर सख्ती शुरू हो गई है। जीडीए उपाध्यक्ष ने बुधवार को सवा दस बजे मुख्य द्वार पर ताला लगवा दिया। करीब एक घंटे तक कर्मचारी बाहर खड़े रहे। उन्हें आगे लेट नहीं आने की हिदायत दी गई है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में देरी से आने वाले कर्मियों पर सख्ती शुरू हो गई है। जीडीए उपाध्यक्ष ने बुधवार को सवा दस बजे मुख्य द्वार पर ताला लगवा दिया। करीब एक घंटे तक कर्मी बाहर खड़े रहे। करीब 40 कर्मियों का एक दिन वेतन भी कटेगा। जीडीए के अधिकारियों-कर्मियों के देरी से कार्यालय पहुंचने की शिकायत उपाध्यक्ष अतुल वत्स को मिल रही थी। इसको देखते हुए बुधवार को जीडीए उपाध्यक्ष ने सवा दस बजे मुख्य द्वार का ताला बंद करवा दिया। इससे कर्मियों में हड़कंप मच गया और वह साथियों को फोन करने लगे।
करीब एक घंटे बाद ताला खोला गया और कर्मचारियों के नाम लिखकर उन्हें अंदर जाने दिया गया। यही व्यवस्था गुरुवार को रहेगी। सूत्रों के अनुसार, कुल 40 कर्मचारी देरी से पहुंचे। जीडीए सचिव राजेश सिंह ने बताया कि देरी से आने वाले कर्मचारियों पर सख्ती होगी। बुधवार को जो 40 कर्मचारी देरी से आए हैं, उनका वेतन काटा जाएगा। कर्मचारियों को समय पर आने की हिदायत दी गई है। पिछले कुछ दिनों से स्टाफ पर रेगुलर नजर रखी जा रही थी।
इससे पहले नोएडा अथॉरिटी में भी ऐसा नजारा देखने को मिला था। एक बुजुर्ग आवंटी को काफी देर तक खड़ा रखने और अधिकारियों द्वारा उनका काम नहीं करने पर सीईओ एम लोकेश नाराज हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को 20 मिनट खड़े रहने की सजा दी। दरअसल, अथॉरिटी में 65 से ज्यादा कैमरे लगे हैं। मरों का कंट्रोल रूम का सेटअप प्राधिकरण के सीईओ के कमरे में है। इनके जरिए वह सभी विभागों पर नजर रखते हैं।
सोमवार को रोजाना की तरह सीईओ कैमरों के जरिए अथॉरिटी का हाल देख रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर आवासीय भूखंड विभाग पर गई जहां एक बुजुर्ग सरदार एक महिला बाबू के सामने काम के संबंध में खड़े दिखाई दिए। सीईओ ने अपने कर्मचारियों से विभाग में संदेश भेजा कि इनका काम कर दें। अगर नहीं हो सकता है तो बेवजह खड़ा न रखें। करीब 15-20 मिनट बाद सीईओ की नजर फिर से उसी विभाग पर गई। उन्होंने देखा कि बुजुर्ग वहीं खड़ा था। इससे गुस्साए सीईओ खुद विभाग पहुंचे और कर्मचारियों को 20 मिनट खड़े रहने की सजा सुनाई