नोएडा एयरपोर्ट से अप्रैल में शुरू होंगी उड़ान, देरी के पीछे क्या वजह, कहां अटका काम?
जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने का सपना अगले वर्ष पूरा हो जाएगा। उड़ान में तय समय से सात माह की देरी होने की बात कही गई है। अब अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट से कॉमर्शियल फ्लाइट शुरू होगी, जबकि दिसंबर में ट्रायल रन होगा।
उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का रनवे लगभग तैयार हो चुका है। इसके आसपास दिवाली से पहले लाइटें लग जाएंगी और दिसंबर में यहां से ट्रायल के लिए हवाई जहाज उड़ान भरेंगे। इस एयरपोर्ट पर छह रनवे होंगे। एयरपोर्ट का काम तेजी से चल रहा है। इसका पहला रनवे लगभग तैयार हो चुका है। यह रनवे 3.9 किलोमीटर लंबा है। इसकी चौड़ाई 60 मीटर है। चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग ने मिलकर नोएडा एयरपोर्ट के लिए विमान के आगमन और प्रस्थान के रास्ते बनाए हैं। रनवे का निर्माण पूरा हो चुका है और अगले महीने इसके लिए लाइटें लगाई जाएंगी। इसके लिए रनवे के आसपास के लगभग 150,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में लैंडस्केपिंग का काम किया जा रहा है। दिवाली से पहले यह लाइटों से रोशन होगा। दिसंबर में इस रनवे से टेस्टिंग के लिए हवाई जहाज उड़ेंगे। छह रनवे के बाद इस एयरपोर्ट की पहचान एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में होगी।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक ही टर्मिनल से प्रवेश और निकासी की सुविधा मिलेगी। निर्माण में ऐसे मेटल का उपयोग किया जाएगा, जिससे कार्बन का उत्सर्जन न हो। यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा। यहां पर डिजिटल सेवाएं मिलेंगी।
क्या-क्या हुआ, क्या-क्या बाकी
दो एयरलाइंस से समझौते : इंडिगो और अकासा एयरलाइंस के साथ समझौतापत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। नेटवर्क प्लानिंग और ऑपरेशनल आवश्यकताओं पर बात जारी है। अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कैरियर्स की गहरी रुचि दिखाई दे रही है।
रियायतें देने के लिए हस्ताक्षर : मुख्य एयरो रियायतें, जिनमें विमान में फ्यूल भरने की सेवाएं, ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो आवंटित किए जा चुके हैं। रिटेल, डाइनिंग, लाउंज, ड्यूटी-फ्री, और होटल के लिए नॉन-एयरो रियायतों के लिए भी हस्ताक्षर हो गए हैं।
उपकरणों का परीक्षण जारी : एयरपोर्ट के मुख्य सिस्टम्स के लिए फैक्ट्री एक्सेप्टेंस टेस्ट पूरे हो गए हैं और साइट पर उपकरण आने लगे हैं। चेक-इन क्योस्क, सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप्स, और ई-गेट्स का परीक्षण चल रहा है।
लाइसेंस के लिए आवेदन होगा : एयरफील्ड लाइटिंग, पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर्स के लिए समझौतापत्रों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। वर्ष 2024 के अंत तक एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन होगा।
आकार ले रहा पैसेंजर टर्मिनल
एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा देरी टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण में हो रही है। यहां पर स्टील न आने के चलते करीब चार महीने तक काम रुका रहा था। टर्मिनल एक लाख वर्गमीटर में विकसित हो रहा है। टर्मिनल के अग्रभाग (फेसिंग) और छत का काम चल रहा है। बैगेज हैंडलिंग सिस्टम को स्थापित करने का काम अधूरा है, जिसे कुछ दिनों में पूरा किए जाने का दावा है। एमईपी और फिनिशिंग कार्य तेजी से चल रहा है। टर्मिनल के अग्रभाग में शीशे लग चुके हैं।
उड़ान में तय समय से सात माह की देरी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने का सपना अगले वर्ष पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट बनाने वाली कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) ने विमानों की उड़ानों को लेकर गुरुवार को स्थिति स्पष्ट कर दी। उड़ान में तय समय से सात माह की देरी होने की बात कही गई है। अब अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट से कॉमर्शियल फ्लाइट शुरू होगी, जबकि दिसंबर में ट्रायल रन होगा।
यापल के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने गुरुवार को बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्माण और विकास कार्य अग्रिम चरण में है। एयरपोर्ट पर रनवे, टर्मिनल और कंट्रोल टावर का काम पूरा करने में अप्रैल तक का समय लग जाएगा। एयरपोर्ट से उड़ान के लिए कई एयरलाइनों से समझौते हो चुके हैं।
एयरपोर्ट पर उड़ान अंशांकन (फ्लाइट कैलीब्रेशन) के लिए सितंबर या अक्टूबर तक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित होगा, ताकि उड़ान में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। दिसंबर में रनवे पर ट्रायल रन शुरू होगा। फिर एयरक्राफ्ट और कॉमर्शियल फ्लाइट का ट्रायल होगा और इसके बाद लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। अप्रैल अंत तक उड़ान संभव होगी।
10 लाख का जुर्माना लगेगा
समझौते के तहत 29 सितंबर तक एयरपोर्ट का संचालन शुरू होना था। दिसंबर के बाद निर्माण में देरी पर कंपनी पर संचालन की तिथि तक प्रतिदिन 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने बताया, सरकार से वार्ता करेंगे ताकि जुर्माना न लगे।
टर्मिनल बिल्डिंग का काम अधूरा होने से उड़ान में देरी
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में विकसित हो रहा है। निर्माण कार्यों में देरी से विमानों की उड़ान अप्रैल अंत में शुरू करने का दावा किया गया है। एयरपोर्ट पर टर्मिनल बिल्डिंग का काम काफी हद तक अधूरा है। विमानों की उड़ान में सबसे अहम एटीसी पर जरूरी उपकरण स्थापित होने के साथ ही जांच और अन्य औपराचिकताएं पूरी की जा रही हैं। गुरुवार को हिन्दुस्तान की टीम एयरपोर्ट पर निर्माण कार्यों की प्रगति को देखने के लिए पहुंची। यहां पर एयरपोर्ट बनाने वाली कार्यदायी संस्था निर्माण को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इसके बावजूद तय समय तक कार्य को पूरा करना चुनौती रहेगा। एयरपोर्ट परिसर में अभी तक यात्रियों के आने-जाने के लिए टैक्सी और विमानों को खड़ा करने के लिए स्टैंड भी नहीं बन सके हैं। इसके चलते अब विमान सेवा अगले साल अप्रैल में शुरू होने का दावा है।
एटीसी टावर में उपकरण लगाने की प्रक्रिया जारी
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर में एमईपी कार्य और फिनिशिंग का काम जारी है। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) कैलिब्रेशन की तैयारी चल रही है। एटीसी की फिनिशिंग का कार्य अधूरा है। हालांकि, यहां पर उपकरण लगाने के लिए कंपनी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इसे हस्तांतरित कर दिया है। एक माह में यहां पर उपकरण लगाने का दावा है।
नए साल से पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ कनेक्टिविटी का काम नए साल तक पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के पास यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए लूप बनाने का कार्य लगभग पूरा होने को है। वहीं, एक्सप्रेसवे को टर्मिनल बिल्डिंग से जोड़ने के लिए 700 मीटर की सड़क बनाने का कार्य भी तेज कर दिया गया है।