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पहला रनवे और ATS टावर तैयार, नवंबर में ट्रायल रन; नोएडा एयरपोर्ट से कब शुरू होगी उड़ान

नोएडा एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर और 3900 मीटर लंबा पहला रनवे बनकर तैयार हो गया। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) ने एटीसी को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हस्तांतरित कर दिया है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाSat, 17 Aug 2024 08:32 AM
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नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर और 3900 मीटर लंबा पहला रनवे बनकर तैयार हो गया। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) ने एटीसी को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को हस्तांतरित कर दिया है। प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि दिसंबर से एयरपोर्ट से विमानों की उड़ान शुरू होनी है। ऐसे में प्रथम चरण के तहत एक रनवे, एटीसी और टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था। शुक्रवार को एयरपोर्ट का पहला 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एक्स हैंडल से भी रनवे की तस्वीर जारी कर जानकारी दी गई। वहीं, खास बात यह भी है कि एटीसी टावर का निर्माण पूरा होने के बाद इसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हस्तांतरित कर दिया गया है। अब एएआई एटीसी के उपकरणों की जांच समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी करेगा। यह कार्य एक माह में पूरा किया जाना है।

वहीं, टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण में रुकावट बनी स्टील भी काफी समय पहले आ चुकी है। पहले टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण 90 प्रतिशत तक पूरा होने का दावा किया गया है। टर्मिनल बिल्डिंग में यात्रियों के चेकइन और बॉर्डिंग से लेकर अन्य उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें ई-गेट के साथ ही फ्लाइट इंर्फोमेशन डिस्पले सिस्टम भी शामिल हैं। इसके अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम को परखा जा चुका है।

यह होता है एटीसी टावर

प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट पर पांच मंजिला एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर बनाया गया है। यह टावर हवाई यातायात की निगरानी के लिए होता है। एटीसी का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हाथों में होता है। एटीसी का प्राथमिक उद्देश्य हवा में विमानों के टकराव को रोकना और पायलटों को जानकारी और सहायता प्रदान करना है। उल्लेखनीय है कि पहला चरण 1334 हेक्टेयर में विकसित होगा।

नवंबर में ट्रायल रन शुरू होने की तैयारी

एयरपोर्ट पर नवंबर से ट्रायल रन शुरू होने की संभावना है। अधिकारियों के मुताबिक एयरपोर्ट पर विमानों के टेकऑवर से लेकर लैंडिंग तक हर प्रकार के उपकरणों की जांच की जानी है। वहीं, अप्रैल में एयरपोर्ट पर नेविगेशन प्रणाली की जांच के लिए बीचक्राफ्ट किंग एयर बी-300 उड़ान भरकर चुका है। विमान से नेविगेशन प्रणाली की जांच की गई थी। ये प्रक्रिया एक सप्ताह तक चली थी। अब रनवे का ट्रायल किया जाएगा। 

विमानों की उड़ान से पहले हर प्रकार के उपकरणों की बारीकी से जांच की जाएगी। टर्मिनल बिल्डिंग में यात्रियों को कैसे लाया जाएगा, यात्री विमान तक कैसे पहुंचेंगे, इसके अलावा विमान की उड़ान के समय नेविगेशन, रडार सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं आदि बिंदुओं की जांच की जाएगी।

नायल के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, 'एयरपोर्ट पर एटीसी टावर और रनवे बनकर तैयार हो गया है। एटीसी को एयरपोर्ट अथॉरिटी को हस्तांतरित कर दिया गया है। एक माह में एटीसी के उपकरणों की जरूरी टेस्टिंग और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी।'

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