भारतीय लिपि और विदेशी भाषा का पाठ पढ़ेंगे युवा
प्राचीन लिपि और विदेशी भाषा का पाठ पढ़ सकेंगे युवा - कौशल विश्वविद्यालय की ओर से दो नए पाठ्यक्रम की योजना - जर्मनी भाषा में डेढ वर्षीय डिप्लोमा कोर्स को मंजूरी - भारतीय शारदा लिपि पर भी जल्द शुरू होगा...
कौशल निखारने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों के साथ अब युवाओं को भारतीय प्राचीन लिपि और विदेशी भाषा में जानकारी बढ़ाने का भी मौका मिलेगा। युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के साथ ही विदेशी भाषा में दक्ष बनाने के लिए हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने ये खास योजना बनाई है। इसके तहत विश्वविद्यालय में जल्द ही युवाओं को एक भारतीय लिपी और विदेशी भाषा में कोर्स करने का अवसर प्राप्त होगा।दरअसल, विश्वविद्यालय ने भारत की प्राचीन और लुप्त लिपि शारदा लिपि का संरक्षण करने की योजना बनाई है। संस्कृत भाषा की मूल लिपि शारदा लिपि है जिसे बाद में देवनागरी लिपि में लिखा जाने लगा। इस लिपि में लिखे हुए कई पांडुलेख अभी भी मौजूद हैं। भारत के समृद्ध इतिहास व पुरानी भारतीय धरोहर को जानने और समझने के लिए जल्द ही कोर्स शुरू किया जाएगा। इसके अलावा विदेशी भाषा को लेकर पहला जर्मन डिप्लोमा शुरू हो चुका है। 26 अगस्त को शारदा लिपि के लिए बैच होगा शुरूयुवाओं के बीच भारतीय लिपियों को प्रचलित करने और इन्हें रोजगारोन्मुख शिक्षा से जोड़ने के लिए प्राचीन लिपियों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालय अपना पहला बैच विश्व संस्कृत दिवस यानि 26 अगस्त से गुरुग्राम में संस्कृत भाषी ट्रेनरों के लिए शुरू करेगा। इसके बाद योजना तैयार कर स्नातकों के लिए कोर्स की रूपरेखा तय की जाएगी। जल्द ही युवा लिपि कोर्स में दाखिला ले सकेंगे।जर्मन भाषा में डिप्लोमा के लिए 20 तक आवेदनविश्वविद्यालय ने युवाओं को विदेशी भाषा से जुड़ा रोजगारपरक कोर्स कराने के लिए जर्मन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम तैयार किया है। डेढ साल के इस कोर्स में 18 से 35 साल तक के 12वीं पास युवा दाखिला ले सकते हैं। विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा में डिप्लोमा करने के लिए आवेदन का दौर शुरू हो चुका है। इच्छुक छात्र इसके लिए 20 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। कोर्स करने पर युवाओं को मिलेगा दोहरा लाभप्रवक्ता चंचल ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू होने वाले इन दोनों कोर्सों में भी अर्न व्हाइल यू लर्न के तहत पाठ्यक्रम चलेगा। जर्मन भाषा के पहले सेमेस्टर में 70 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वालों को कोर्स के साथ ही बकायदा मानदेय भी दिया जाएगा। छह महीने युवा कौशल विश्वविद्यालय में पढ़ेंगे और एक साल कंसंट्रिक्स के साथ मिलकर काम करेंगे। इसी तरह शारदा लिपि को लेकर भी योजना तैयार होगी। इन कंपनियों के साथ हुआ है करारहीरो मोटोकॉर्प, जेबीएम ग्रुप, कंसन्ट्रिक्स, बीकानेरवाला, ईस्ट वेस्ट, हिपा, आईक्यूवीआईए, ट्रिम इंडिया।ये कोर्स चल रहे विश्वविद्यालय मेंऑटोमोटिव मेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव मेनूफेक्चरिंग, टूल मेकिंग और रोबोटिक्स, नेटवर्किंग सिक्योरिटी, एप्लीकेशन सिक्योरिटी, कम्यूनिकेशन स्किल, ऑटोमोटिव मेनुफेक्चरिंग, रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन, टूल्स एंड डाई मेनुफेक्चरिंग, बीपीएम एंड एनालिटिक्स, ऑटोमोटिव मैक्ट्रॉनिक्स, पब्लिक हेल्थ, जियोइंर्फोमेटिक्स, प्लास्टिक टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रिॉनिक्स, एथनीक फूड्स एंड स्वीट्स प्रोसेसिंगइन क्षेत्रों पर है विश्वविद्यालय का फोकसफूड प्रोसेसिंग, ड्रेस एंड अप्रेल मेकिंग, मेनुफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, कम्यूनिकेशन, हॉस्पिटेलिटी, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, कंस्ट्रक्शन, ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक, साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स, इंजीनियरिंग प्रोडक्ड्स, रीटेल, एग्रीकल्चर, स्पोट्र्सयुवाओं को सक्षम बनाना है मकसदराज नेहरू, कुलपति, हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय: युवाओं को हर लिहाज से सक्षम बनाना ही विश्वविद्यालय का उद्देश्य है। विभिन्न पाठ्यक्रमों में कोर्स शुरू करने के बाद अब भाषा और लिपि पर फोकस किया है। जर्मन भाषा के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। जबकि भारतीय प्राचीन शारदा लिपि को लेकर जल्द योजना तैयार होगी।
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