ईएसआईसी सुविधा से वंचित मजदूर इलाज के लिए भटक रहे
जिले में करीब दो लाख मजदूर ऐसे हैं, जिन्हें ईएसआईसी की सुविधा से वंचित किया
जिले में करीब दो लाख मजदूर ऐसे हैं, जिन्हें ईएसआईसी की सुविधा से वंचित किया गया है। जबकि वैश्विक महामारी कोविड-19 जैसे कठिन समय में मजदूरों के लिए ईएसआईसी सहारा बन सकती थी। कोरोनाकाल में ईएसआइसी कार्डधारकों को जैसे-तैसे इलाज मिल रहा है। लेकिन ठेकेदारों और श्रम विभाग की मिलीभगत से जिले में करीब दो लाख मजदूरों को ईएसआईसी सुविधा वंचित हैं और अब कोरोना काल में इलाज के लिए तड़प रहे हैं। इसलिए सभी ठेकेदारों पर सख्ती बरतते हुए सभी मजदूरों को ईएसआईसी के दायरे में लाया जाना चाहिए। ऐसे आरोप और ऐसी मांग का एक पत्र श्रमिक संगठनों ने ईएसआईसी के महानिदेशक को लिखा है।
पिछले साल लॉकडाउन के बाद नए मजदूरों को नही दी ईएसआईसी सुविधा
श्रमिक नेता बेचू गिरी बताते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद पटरी लौटी जिंदगी में ठेकेदारों ने मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया है। लॉकडाउन के बाद अधिकांश इकाईयों में नए मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा के तहत नौकरी पर रखा गया। इसके अलावा शहर में करीब पंद्रह हजार ऐसी इकाई है, जिनमें दो-चार-छह-दस-पंद्रह लोग ही काम करते हैं। इनमें अधिकांशत: महिला मजदूर हैं। इनका कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह चार-पांच हजार रुपये प्रतिमाह पर काम करते हैं। इनका कोई ईएसआई या ईपीएफ आदि नहीं है। ठेकेदारों ने अधिकांश मजदूरों को ईएसआईसी और ईपीएफ की सुविधा से वंचित रखा। ऐसी संख्या दो लाख से अधिक है। अब कोरोना काल में उजागर हुआ है कि बड़ी इकाई में काम करने वालों के पास भी ईएसआईसी सुविधा नहीं है।
ठेकेदारों ने नहीं बनवाए कार्ड
श्रमिक नेता बेचू गिरी ने बताया कि यूं तो जिले में करीब दो लाख मजदूरों को मिलीभगत से ईएसआईसी की सुविधा से वंचित रखा गया है। लेकिन आश्चर्यजनक है कि अस्पतालों में भी ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं दी गई। जबकि ये कर्मचारी कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।
ईएसआईसी डॉक्टरों को पानीपत और हिसार भेजने से बढ़ी दिक्कत
कोविडकाल में फरीदाबाद की ईएसआईसी डिस्पेंसरियों में कार्यरत करीब 36 चिकित्सक और करीब 88 अन्य कर्मचारियों को पानीपत और हिसार के कोविड अस्पतालों में भेजने से बीमार मजदूरों की दिक्कत बढ़ गई है। जिले में करीब 11 ईएसआईसी डिस्पेंसरी हैं, जिनके माध्यम से हजारों में मजदूरों को इलाज मुहैया होता है। अब इन डिस्पेंसरियों में डॉक्टर और अन्य चिकित्सीय कर्मचारी नहीं है। जिससे मरीजों की दिक्कत बढ़ी है। जिले में ईएसआईसी कार्डधारक फिल्हाल करीब 20 हजार गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मजदूरों की दिक्कत बढ़ गई हैं। बीमार मजदूरों को डिस्पेंसरियों में इलाज नहीं मिल रहा है।
श्रमिक नेता बेचूगिरी का कहना है कि कोरोना काल में मजदूरों के सामने भयावह स्थिति है। उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है। जिले में करीब दो लाख मजदूरों को ईएसआईसी कार्ड की सुविधा भी नहीं है। इसमें कुछ कर्मचारी ईएसआईसी अस्पताल में ठेकेदार के मजदूर भी शामिल है। हमने ईएसआईसी महानिदेशक को पूरी स्थिति से अवगत कराया है।
वैसे तो सभी कंपनियों को ईएसआईसी सुरक्षा अपने कर्मचारियों को देनी चाहिए। अगर कोई नियमों की अवहलेना कर रहा है तो ईएसाआईरसी को शिकायत की जा सकती है।
-अजयपाल, डीएलसी
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