हर घर जल पहुंचाना निगम के लिए बड़ी चुनौती
फरीदाबाद में नगर निगम चुनाव के दौरान पेयजल की किल्लत एक बड़ा मुद्दा बन गई है। गर्मी के मौसम में कई कॉलोनियों में पानी की आपूर्ति में कमी आ जाती है, जिससे लोग निजी टैंकरों पर निर्भर होते हैं। नगर निगम...

फरीदाबाद। नगर निगम चुनाव में पेयजल किल्लत बड़ा मुददा बना हुआ है। इसकी वजह भी वाजिब है कि गरमी का मौसम आते ही एक बड़ी आबादी को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ता है। इसका फायदा टैंकर माफिया उठाता है। चुनाव बाद नगर निगम सदन का गठन होने के बाद मेयर और पार्षदों के लिए हर घर जल पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती होगा। शहर की डबुआ कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, पर्वतीय कॉलोनी, नंगला इंक्लेव, संजय इंक्लेव, संजय कॉलोनी, जीवन नगर आदि ऐसे इलाके हैं, जहां पर गरमी का मौसम शुरू होते ही मांग के मुकाबले पानी की आपूर्ति गड़बड़ाने लगती है। इसी तरह एसजीएम नगर, सैनिक कॉलोनी, शिव दुर्गा विहार सहित कई ऐसी कॉलोनियां हैं, जहां पर पानी के लिए लोगों को रात को उठकर अपने घर के टैंक भरने होते हैं। कई बार तीन-चार दिन बीतने पर भी पानी की आपूर्ति नहीं होती है। सैनिक कॉलोनी में भी गरमी के मौसम में पेयजल की समस्या गहरा जाती है। सैनिक कॉलोनी शहर की बड़ी कॉलोनियों में से एक है। यहां भी पेयजल संकट है। गत वर्ष गरमी के मौसम में पेयजल किल्लत होने पर सैनिक कॉलोनी के लोगों ने प्रदर्शन भी किया था। इसके अलावा पल्ला और नहरपार की कॉलोनियों में भी पेयजल की समस्या किसी से छिपी नहीं है। लोगों को हर साल गरमी के मौसम में पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ता है। लोगों को अगले साल से सुधार करने के आश्वासन दिए जाते हैं। लेकिन, समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। नगर निगम प्रशासन पेयजल की समस्या के निपटारे में जुटा हुआ है। हालांकि, यह गरमी का मौसम आने के बाद पता चल सकेगा।
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पेयजल की गुणवत्ता से भी निपटना होगा: पेयजल की गुणवत्ता भी एक बड़ी समस्या है। नगर निगम की पाइपलाइन लीकेज होती रहती हैं। इससे दूषित पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जाती है तो कई बार रेतीले पानी की। नगर निगम प्रशासन को शहर के काफी इलाकों से इस तरह की सूचनाएं मिलती रहती हैं। इस तरह की शिकायतों के निपटारे के लिए लोगों को काफी मशक्क्त झेलनी पड़ती है। नगर निगम प्रशासन रेनीवेल के अलावा शहर में पानी की आपूर्ति दुरुस्त रखने के लिए हर रोज 1,760 ट्यूबवेल चलाकर पानी की आपूर्ति करता है। लोगों का कहना है कि टयूबवेल के पानी की गुणवत्ता ठीक नहीं होती है। शहर के अधिकांश इलाकों में रेनीवेल के पानी की मांग है। इस वजह से लोग रेनीवेल के पेयजल के समान वितरण की भी मांग करते रहते हैं।
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टैंकर मंगाने के लिए हेल्पलाइन नहीं: पेयजल किल्लत होने पर निजी टैंकर सक्रिय हो जाते हैं। लोगों को पांच सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये देकर टैंकर खरीदना पड़ता है। जब लोग नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हैं या सड़क जाम करते हैं तो नगर निगम प्रशासन निजी टैंकर एजेंसी की सेवा लेकर पेयजल आपूर्ति की योजना बनाता है। इस कार्य में कुछ अपने टैंकर भी लगाता है। लेकिन, नगर निगम प्रशासन ने टैंकर को मंगवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं करता है। इस वजह से काफी लोगा नगर निगम की इस सेवा से वंचित रह जाते हैं। उन्हें मजबूरी में निजी टैंकर की सहायता लेनी पड़ती है।
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एफएमडीए और नगर निगम के बीच तालमेल की कमी भी बढ़ाती है संकट: शहर में घरों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन और एफएमडीए की है। एफएमडीए पर रेनीवेल से बूस्टर तक पानी पहुंचाने का दायित्व है तो नगर निगम प्रशासन पर बूस्टर से लोगों के घरों तक। लेकिन, गरमी के मौसम में दोनों विभागों में तालमेल के अभाव में लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। सबसे ज्यादा परेशानी एनआईटी और बड़खल विधानसभा क्षेत्र की कॉलोनियों में आती है। जब कभी उच्चाधिकारियों की ओर से पेयजल आपूर्ति को लेकर जवाब मांगा जाता तो दोनों विभाग के अधिकारी एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। गत वर्ष नगर निगम आयुक्त ए मोना श्रीनिवास को दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी करनी पड़ी थी। बैठक में भी दोनों विभागों के अधिकारियों ने पेयजल की आपूर्ति में अपनी लपरवाही मानने से इंकार कर दिया था।
क्या कहते हैं लोग
‘शहर में पेयजल सबसे बड़ा मुददा है। गरमी का मौसम आते ही पेयजल की समस्या खड़ी हो जाती है। नगर निगम प्रशासन को पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए गंभीरता से काम करने की जरूरत है। टूयबवेलों के संचालन और पाइपलाइनों की लीकेज पर नगर निगम प्रशासन को नजर रखने की जरूरत है
प्रीता, सेक्टर-48
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‘गरमी आते ही पेयजल संकट खड़ा हो जाता है। हर बार नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस समस्या का हल करने दावा करते हैं। लेकिन, फिर से लोगों को पेयजल के लिए टैंकर मंगवाकर पानी खरीदने को मजबूर होना पड़ता है। नगर निगम प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए तह में जाना होगा
शकील अहमद, बड़खल गांव
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