वसंत पंचती मेला::::::स्मार्ट सिटी में पहली बार लगेगा वसंत पंचमी मेला
यन -बच्चों के लिए विशेष होगें मनोरंजन पूर्वक कार्यक्रम -सरस्वती पूजा का होगा आयोजन फरीदाबाद। वरिष्ठ संवाददाता स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में पहली...
फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में पहली बार वसंत पंचमी मेला लगेगा। प्रकृति के इस पर्व का आयोजन आर्य नगर स्थित एसएस ग्लोबल स्कूल में किया जाएगा। 16 फरवरी को वसंत पंचमी के लिए पूरे दिन बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए आध्यात्म के साथ मनोरंजन से भरा दिन रहेगा।
पूर्वांचल के राज्यों में श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाने वाला सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी पर्व पर पहली बार फरीदाबाद में मेले के रूप में मनाया जाएगा। कोरोना काल होने के कारण सभी नियमों का पालन भी करना होगा। ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी। इस आयोजन के संयोजक बृजेश शर्मा बताते हैं कि वसंत पंचमी मौसम में बदलाव का प्रतीक है। प्राकृतिक हरियाली पर उमंग का दिन है और यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। आज के दौर के बच्चों को इस भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने के लिए इस मेले का आयोजन आवश्यक है। वसंत पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में ऋषि दूर्वासा के मंदिर में एक विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। इसी तर्ज पर विद्यालय परिसर में भी इस प्रकार का वसंत पंचमी मेला आयोजित किया जाएगा। मां सरस्वती का श्रृंगार पीले रंग के फूलों से किया जाएगा। पीले फूलों से ही विद्यालय परिसर को सजाया जाएगा। बच्चों के लिए मेला यादगार बनाया जाएगा।
वसंत पंचमी से नवजीवन का होता है आगमन
वसंत पंचमी उत्सव में वासंतिक राग गाये और बजाये जाएंगे। वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इस समय प्रकृति अपने उज्जवलता पर होती है। चारों और फूल खिलकर, खुशबू और रंग की वर्षा कर रहे होते हैं। धरती, जल, वायु, आकाश और अग्नि सभी पंच तत्व मोहक रुप में होते है। सर्दी के कारण जो पक्षी और जीव जंतु अपने घोंसलों में छुपे होते हैं। वे भी बाहर निकल कर चहकने लगते है। नवजीवन का आगमन इसी ऋतु में होता है। खेतों में पीली पीली सरसों अपने पीले पीले फूलों से किसान को हर्षित करती है। ऐसे ही गीत और राग इस कार्यक्रम में सुनने को मिलेंगे।
भागवत गीता में वसंत को ऋतुराज बताया
शिक्षाविद् डॉ. सुभाष सोरायन ने बताया कि योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि छह ऋतुओं ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर व वसंत में से वसंत ऋतु मैं हूं। वसंत मेरा रूप है। यह ऋतु मुझे सबसे अधिक प्रिय है। यही कारण है, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और भगवान श्रीकृष्ण से जुडे अन्य स्थलों में वसंत पंचमी का पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है। इसदिन मां सरस्वती के पूजन का दिन है।
मेले में मिलेगा पीले चावल का प्रसाद
मेला आयोजक बृजेश शर्मा बताते हैं कि प्राचीन समय में वसंत पंचमी के दिन लोग मलमल के कपडों को वसंती रंग में रंग कर धारण करते थें, कवि भी इस मौसम में प्रसन्न होकर अपनी लेखनी उठा लेते। वसंत पंचमी पर्व पर लोग पीले रंग के चावल बनाकर अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ खूब आनंद से खाते है। इसलिए वसंत पंचमी के दिन इस कार्यक्रम में भी मां सरस्वती पूजा के बाद लोगों को पीले चावल का प्रसाद मिलेगा।
बच्चों के लिए ये होगा खास
बच्चों के लिए अनेक प्रकार के खेल होंगे, इसके अलावा कठपुतली शो, जादू का शो, खेल, खिलौने, भोजन के स्टाल, लोकसंगीत गायन एवं अन्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
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