Hindi NewsNcr NewsFaridabad NewsSolar Traffic Lights to Enhance Safety and Traffic Flow at Adbar Chowk on NH-248

अड़बर चौक पर सोलर ट्रैफिक लाइट लगेंगी

नूंह में अड़बर चौक पर सोलर ट्रैफिक लाइट लगाई जाएगी, जिससे यातायात सुगम और सुरक्षित होगा। नगर परिषद ने 12.74 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है। काम इस महीने शुरू होगा और दो महीनों में पूरा किया जाएगा।...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादFri, 17 Jan 2025 10:58 PM
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नूंह। नूंह-अलवर नेशनल हाईवे के सबसे व्यस्त अड़बर चौक पर सोलर ट्रैफिक लाइट लगाई जाएंगी। जो शहर के यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाएंगी। इसी महीने में इसका काम शुरू करने की तैयारी है। इस योजना के लिए नगर परिषद ने करीब 12.74 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है। यह सोलर ट्रैफिक लाइट सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल होगा और बिजली की खपत को कम करेगा। टेंडर के अनुसार, लाइट की आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, मरम्मत और टेस्टिंग का काम दो महीनों के भीतर पूरा किया जाना है। इच्छुक निजी कंपनी 23 जनवरी 2025 तक टेंडर में हिस्सा ले सकते हैं और टेंडर 24 जनवरी को खोला जाएगा। बहरहाल, इस योजना से न केवल अड़बर चौक पर होने वाले ट्रैफिक जाम में कमी आएगी, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी कम होंगी।

नूंह-अलवर नेशनल हाईवे जिले के लिए ही नहीं बल्कि हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में आवाजाही करने का जंक्शन है। गांव अड़बर निवासी सूबेदार का कहना है कि अड़बर के चौक जिले का जंक्शन है। यहां दिल्ली, अलवर, जयपुर, मथुरा, आगरां आदि कर लिए आवाजाही करने वाले लोग इसी चौक से होकर जाते हैं। सभी मुख्य सड़कें इस चौराहे पर आकर मिलती हैं। अनाज मंडी, बस अड्डा भी इसी चौराहे के पास है। इस वजह से यहां दिनभर जाम जैसे हालात बने रहते हैं। ट्रैफिक लाइट लगने से यहां लोगों को काफी राहत मिलेगी। नगर परिषद के अधिकारी सुमित मलिक का कहना है कि चार महीनों में यह लाइट सिस्टम कार्यरत हो जाएगा और शहरवासियों को इसका लाभ मिलने लगेगा।

नूंह जिले में हाईवे पर नहीं ट्रैफिक लाइट की बेहतर व्यवस्था

देश के पिछड़े जिलों में शुमार जिला नूंह में नूंह-अलवर नेशनल हाईवे की लंबाई करीब 90 किलोमीटर है। इस बीच नूंह के अड़बर चौक और फिरोजपुर झिरका चौक पर ही सिर्फ ट्रैफिक लाइट हैं। लोगों का कहना कि दोनों ही जगह की लाइट खराब हैं। हाईवे पर अनेक जगह चौक हैं, जहां काफी गांवों के लोगों की आवाजाही रहती। सड़क हादसे भी इस रोड पर सबसे ज्यादा होते हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन की तरफ से ट्रैफिक नियंत्रण करने के लिए बेहतर व्यवस्था नहीं है।

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