घोटाले में इंजीनियर और वित्त अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
बगैर काम किए भुगतान करने पर इंजीनियर और खा और वित्त नियंत्रण शाखा के बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। पुलिस में भी उनके खिलाफ मामला भी दर्ज...
विकास कार्य हुए बगैर किए गए भुगतान के घोटाले में नगर निगम की इंजीनियरिंग शाखा और वित्त नियंत्रण शाखा के बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। पुलिस में भी उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया जा सकता है। हरियाणा सरकार को भेजी गई जांच रिपोर्ट में कई बडे़ अधिकारियों की संलिप्ता इस घोटाले में बताई गई है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। हालांकि जांच पूरी नहीं होने तक प्रशासनिक अधिकारी अभी इस मामले में पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रिपोर्ट में करीब 23.80 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि दिखाई गई है। जबकि पार्षद अब इस घोटाले को दो सौ करोड़ रुपये तक का होने का दावा कर रहे हैं। अभी इस घोटाले की जांच विजीलेंस कर रही है।
हजारों के वर्क ऑर्डर को करोड़ों तक तब्दील करके किए गए घोटाले
अभी इस घोटाले में सामने आया है कि करीब 388 विकास कार्यों का भुगतान किया गया है। इस भुगतान घोटाले में शामिल अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए नए तरीके अपनाए हैं। मसलन निविदाएं और वर्क ऑर्डर पांच लाख रुपये की है, जो आसानी से पास कर दिया जाता है। इसी वर्कऑर्डर को बढ़ाकर करोड़ों का कर दिया गया। इसमें अधिकांश मामले एक ही ठेकेदार से संबंधित हैं। नियमों को ताक पर रखकर उस ठेकेदार को काम दिए गए और भुगतान किए गए। अधिकारियों ने मौके पर जाकर नहीं देखा कि काम हुआ कि नहीं।
बीते साल पार्षदों ने की थी शिकायत
बीते वर्ष जुलाई में पार्षद महेंद्र सिंह, सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, दीपक यादव, दीपक चौधरी ने नगर निगम आयुक्त को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनके वार्ड में विकास कार्य हुए बिना वित्त नियंत्रण शाखा से ठेकेदार को विकास कार्य का भुगतान कर दिया और यह राशि करोड़ों में है। बहरहाल, उनकी शिकायत पर जांच पूरी कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक यह जांच रिपोर्ट आगे कार्रवाई के लिए सरकार को भेज दी गई है। जिसमें करीब 388 विकास कार्यों की जांच की गई। इनमें काफी विकास कार्य ऐसे हैं,जिनका रिकॉर्ड नहीं मिला है और काफी कागजी फर्जी पाए गए हैं। फिलहाल करीब तीस करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है। इस घोटाले को अंजाम देने में नगर निगम की इंजीनियरिंग शाखा और वित्त नियंत्रणा शाखा के वरष्ठि अधिकारियों की संलिप्ता बताई जा रही है। विशेष बात यह है कि जिन अधिकारियों का नाम इस घोटाले में आ रहा है, फिल्हाल उनमें से कई जिले से बाहर कार्यरत हैं। सरकार को भेजी जांच रिपोर्ट में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने की बात भी कही गई है। हालांकि इस मामले में अब हरियाणा सरकार के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।
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