स्मार्ट सिटी में सड़क हादसों के दौरान 65 फीसदी बाइक सवार गवां रहे जान
फरीदाबाद में स्मार्ट सिटी की सड़कों पर 820 दिनों में 543 लोगों की जान गई है। सड़क हादसों का मुख्य कारण वाहन चालकों की लापरवाही और यातायात नियमों का पालन न करना है। सबसे ज्यादा बाइक सवारों की जान गई...

फरीदाबाद, कार्यालय संवाददाता। स्मार्ट सिटी की सड़कों पर हर दो दिन में एक व्यक्ति की जान जा रही है। साल-2023-2024 से अबतक के 820 दिनों में हुए लगभग 1270 सड़क हादसे में करीब 543 लोंगों की जान गई। 728 लोग घायल हुए। इसमें सबसे अधिक 543 बाइक सवारों की हादसे में जान गई। जानकारों का कहना है कि स्मार्ट सिटी में ज्यादातर सड़क हादसे वाहन चालक की लापरवाही से हुए हैं। यातायात नियमों का पालन नहीं करना उनकी जान पर भारी पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद को औद्योगिक नगरी के रूप में भी जाना जाता है। यहां स्थित 25 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत करीब आठ लाख कामगारों के अलावा करीब 26 लाख की आबादी के सुगम आवागमन के लिए दो एक्सप्रेसवे, एक हाईवे, दो स्टेट हाईवे समेत 50 से अधिक प्रमुख सड़कें हैं। सड़क सुरक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसेव, कुंडली-गाजियाबाद पलवल(केजीपी), दिल्ली-आगरा हाईवे के अलावा फरीदाबाद-गुरुग्राम मार्ग, सूरजकुंड मार्ग, ग्रेटर फरीदाबाद मास्टर रोड,बल्लभगढ़-सोहना रोड, आगरा नहर रोड आदि छोटी-बड़ी सड़कों पर करीब 16 लाख वाहनों का आवागमन होता है। जानकारों का कहना है कि इनमें से अधिकांश वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। चौराहों पर लगे ट्रैफिक लाइट्स पर नहीं रूकना, कार चलाते समय बिना सीट बेल्ट लगाए मोबाइल फोन पर बात करना, बाइक पर बिना हेलमेट के सफर करना, बाइक चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना, एक बाइक पर तीन-चार लोगों के बैठना, चालान कटने के बावजूद यातायात नियमों को तोड़ना सड़क हादसे के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं।
------
सबसे अधिक बाइक चालक की जा रही जान
सड़क सुरक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि बीते दो सालों से अबतक हुए सड़क हादसे का शिकार सबसे अधिक बाइक सवार हुए हैं। सूत्रों की मानें तो सड़क हादसे में मरने वाले 543 लोगों में से 350 के आसपास व्यक्ति बाइक सवार थे। उनमें कईयों ने बाइक चलाते समय हेमलेट का उपयोग नहीं किया था। उनकी मौत यातायात नियमों को तोड़ने से हुई। जानकारों का कहना है कि सड़क पर नियमों के पालन से सुरक्षा को मजबूत बनाता है और इससे हादसे की आशंका काफी कम रहती है। हादसे में जान जाने की आशंका भी कम रहती है।
------
अंदरूनी सड़क पर हो रहे अधिक हादसे
जानकारी के अनुसार शहर में सबसे अधिक अंदरूनी सड़कों पर हो रहे हैं। पल्ला-इस्माइलपुर रोड, सूरजकुंड रोड, आगरा नहर रोड, बल्लभगढ़-सोहना रोड, डबुआ कॉलोनी, सेक्टर 22-23 रोड आदि अंदरूनी मार्ग पर हर दिन हादसे हो रहे हैं। बताया जाता है इन मार्गों पर आवागमन करने के दौरान अधिकांश वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। इसके अलावा इन मार्गों पर स्थित अधिकांश चौराहों के ट्रैफिक लाइट्स खराब हैं, इससे चौराहों पर तेज रफ्तार में सड़क पार करने के दौरान हादसे की आशंका बढ़ रही है।
-------
हाईवे पर यह किए गए सुधार कार्य
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे और केजीपी पर सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए काफी काम किया गया है। शहर से गुजर रहे हाईवे और केजीपी पर पिछले साल करीब 14 ब्लैक स्पॉट (दुर्धटना संभावित क्षेत्र) चिन्हित किए गए थे। उन जगहों का आकलन कर सुधार कार्य किया गया। हाईवे के फ्लाओवर और कट यानि स्लिप रोड से पहले रबड़ के स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं। साथ ही सभी कट के पास नोटिस बोर्ड लगाए गए हैं और वाहन चालकों से कट आदि पर सावधानी से वाहन चलाने की अपील की जाती है।
------
कम हो रहे सड़क हादसे
पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि साल-2023 के बाद से शहर में सड़क हादसों में कमीं आ रही है। साल-2023 में हुए सड़क हादसे में करीब 271 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं साल-2024 में इसमें गिरावट दर्ज की गई। साल-2024 में सड़क हादसे में 231 लोगों की मौत हुई। वहीं साल-2025 में अबतक करीब 41 लोगों की मौत हुई है। सड़क सुरक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि स्मार्ट सिटी में हर महीने औसतन 50 के आसपास सड़क हादसे हो रहे हैं। इन सड़क हादसे में 15 से 20 लोगों की हादसे के कारण मौत हो रही है।
------
820 दिनों में 543 लोगों ने सड़क हादसे में जान गंवाई
543 लोगों में से 350 से अधिक बाइक सवार की जान गई
50 सड़क हादसों में हर माह 20 लोगों की जान जा रही
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।