कोविड की रिपोर्ट आने में पांच से सात दिन लगने से मरीज बेहाल
कोरोना की दूसरी लहर लोगों के सामने हर तरफ से परेशानी बढा रही है। बेड,
कोरोना की दूसरी लहर लोगों के सामने हर तरफ से परेशानी बढा रही है। बेड, आक्सीजन, दवा जैसी जरूरी चीजों के लिए संघर्ष कर रहे लोग अब जांच रिपोर्ट को लेकर परेशान हैं। हालांकि रिपोर्ट को चौबी घंटे में देने के निर्देश हैं, लेकिन लोगों को जांच रिपोर्ट के लिए पांच से सात दिन तक इंतजार करना पड रहा है। यह इंतजार न केवल नमूने देने वाले व्यक्ति के लि परेशानी का सबब बना हुआ है बल्कि उसके परिवार के सदस्यों की भी परेशानी बढ़ा रहा है। जब तक रिपोर्ट नहीं आती है तब तक सभी की चिंता रहती है। साथ ही अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो तब तक वह काफी लोगों के संपर्क में जा चुका होता है। इससे कोरोना का संक्रमण बढ़ने की आशंका बढ रही है।
2756 लोगों को रिपोर्ट का इंतजार
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को 3398 लोगों के नमूने कोरोना जांच को लिए जबकि 2756 लोगों को अभी भी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो पिछले पांच से लेकर सात दिनों से इंतजार कर रहे हैं। मगर रिपोर्ट उनकी नहीं मिली है। विशेष रूप से जब बीके अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच बंद कर दी गई थी तो उस वक्त भी काफी लोग परेशान रहे। राजू ने बताया कि उनकी रिपोर्ट करीब सात दिन बाद मिली। उन्होंने कहा कि जब इस तरह से कोरोना का कहर बढता जा रहा है तो ऐसी स्थिति में रिपोर्ट भी जल्द से जल्द दी जारी चाहिए। ताकि संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
निजी पैथ लैब भी कई दिनों बाद दे रही रिपोर्ट
हालांकि वैसे तो सभी पैथलेब को कोरोना की जांच रिपोर्ट को 24 घंटे में रिपोर्ट के निर्देश है, लेकिन सरकारी अस्पताल बीके के साथ-साथ निजी पैथलेब भी रिपोर्ट देने में देरी कर रही है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद काफी निजी लैब ने घर से नमूने लेने भी बंद कर दिए हैं। ऐसे में एक ही लैब पर लोड बढ़ गया है। मरीज बढने से जांच लैब में भी नमूनों की संख्या बढ़ गई है। एनआईटी पांच नंबर में एक निजी लैब के प्रभारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोरोना की वजह से घर से नमूने लेने से परहेज किया जा रहा है। इससे भी अब रिपोर्ट भेजने में देरी हो रही है।
एक दिन में रिपोर्ट देने के फिर दिए आदेश
हरियाणा के वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल का कहना है कि अधिकारियों को फरीदाबाद में दो दिन के भीतर अधिक से अधिक टेस्टिंग करने और एक दिन में टेस्टिंग की रिपोर्ट देने के निर्देश मंगलवार को दिए हैं।
नमूनों की जांच नहीं बढा पा रहा विभाग
स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने अनेक बार निर्देश दिए हैं कि जिला फरीदाबाद में हर रोज करीब पांच हजार लोगों की जांच की जाए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक औसतन तीन हजार लोगों की जांच ही हो पा रही है। इनमें भी एंटीजन की संख्या खासी है। हालांकि आरटीपीसीआर पर भी जोर दिया जा रहा है, लेकिन पांच हजार लोगों की जांच का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। हालात यह है कि पिछले एक सप्ताह आरटीपीसीआर जांच बंद कर दी गई थी। अधिकारियों ने इसके लिए जांच लैब में कर्मचारियों के संक्रमित होने की कही थी। बहरहाल कई दिनों से सरकारी अस्पतालों में आरटीपीसीआर जांच नहीं हुई थी। स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों की एंटीजन जांच की। इस दौरान सरकारी मुलाजिम और यात्रा करने वालों को दिक्कत हुई। ऐसे लोगों को निजी लैब से जांच करवानी पडी।
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