नाइट कर्फ्यू से होटल-ढाबों में सब्जी की मांग घटेगी
रात्रि कर्फ्यू की वजह से सब्जी उगाने वाले किसानों की आमदनी पर पड़ने की आशंका
रात्रि कर्फ्यू की वजह से सब्जी उगाने वाले किसानों की आमदनी पर पड़ने की आशंका बन गई है। होटल, ढाबे और रेहड़ियों पर सब्जी की अच्छी-खासी खपत होती है। अब रात्रि कर्फ्यू से सब्जी की मांग कम होगी तो किसानों को सब्जी का कम भाव मिलेगा। किसानों का मानना है कि अगले एक-दो दिन में कर्फ्यू का असर दिखने लगेगा।
ग्रेटर फरीदाबाद के खेड़ी कलां, वजीरपुर, बादशाहपुर, बदरपुर सैद और बल्लभगढ़ इलाके में बहादरपुर, फतेहपुर बिल्लौच, दयालपुर और छांयसा आदि गांवों में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है। ग्रेटर फरीदाबाद में बदायूं के लोग किसानों से खेत किराए पर लेकर सब्जी की पैदावार करते हैं। ये लोग सब्जी उगाने के साथ-साथ खुद ही सब्जी बेचते हैं। ज्यादा पैदावार होने पर मंडी में भी बिक्री के लिए भेजते हैं।
होटल-ढाबों में होती है ज्यादा खपत
प्रगतिशील किसान धर्मपाल त्यागी ने बताया कि घरेलू जरूरत के कारण किसानों को सब्जी का उचित भाव नहीं मिलता है। होटल, ढाबों, रेहड़ी, शादी-पार्टियों की वजह से किसानों को सब्जी का उचित मूल्य मिल पाता है। आमतौर पर होटल11:00 बजे तक खुले रहते हैं। वहीं, ढाबे तो रात भर चलते हैं। अब रात्रि कर्फ्यू के कारण 9:00 बजे बंद हो जाएंगे। इस कारण ढाबा और होटल चलाने वालों को सब्जी की कम जरूरत होगी। सब्जी की कम जरूरत के कारण मंडी में किसान को उचित भाव नहीं मिलेगा। उन्होंने चिंता जताई कि इससे सब्जी उत्पादक किसानों को बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है। वहीं सेक्टर एरिया में रात के वक्त लगने वाली मंडियों पर भी कर्फ्यू का असर पड़ेगा।
नवरात्रों में जागरण रद्द होने का भी असर पड़ेगा
नवरात्रों में श्रद्धालु जागरण करते हैं। जागरण के दौरान अपने मित्रों और रिश्तेदारों को भोजन खिलाया जाता है। अब रात्रि कर्फ्यू की वजह से माता के जागरण नहीं होंगे। इस कारण भी सब्जी की मांग में कमी आएगी। इससे सब्जी उत्पादक किसानों की आमदनी प्रभावित होगी। दयालपुर गांव निवासी प्रगतिशील किसान बच्चू सिंह ने बताया कि सब्जी की मांग ज्यादा होती है तो किसानों को मंडी में अच्छा भाव मिलता है। यदि मांग कम है तो किसानों की सब्जी कम भाव में खरीदी जाती है। अब रात्रि कर्फ्यू से मांग में कमी आने की आशंका है। दो-तीन दिन में इसका असर देखने को मिलेगा। अभी पुख्ता तौर पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा।
गत वर्ष लॉकडाउन में नुकसान झेलना पड़ा था किसानों को
गत वर्ष लॉकडाउन की वजह से होटल-ढाबे बंद हो गए थे। वहीं शादियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित कर दी गई थी। इस कारण सब्जी की मांग में भारी गिरावट आ गई थी। किसानों को औने-पौने दाम पर अपनी सब्जी बेचने पर मजबूर होना पड़ा था।
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