नौवीं के छात्रों को पंजाबी, उर्दू और संस्कृत में एक विषय का चुनना होगा
फरीदाबाद में अगले सत्र से राजकीय विद्यालयों में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को छह की बजाय सात विषयों की पढ़ाई करनी होगी। इसमें संस्कृत, पंजाबी और उर्दू में से एक भाषा का चयन अनिवार्य होगा। यह निर्णय...
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फरीदाबाद। अगले से सत्र में राजकीय विद्यालयों में नौवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी छह की बजाय सात विषयों की पढ़ाई करेंगे। विद्यार्थियों को संस्कृत, पंजाबी और उर्दू में से एक भाषा को भी चयनित करना होगा। इसे लेकर विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार के फैसले का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन फरीदाबाद और हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन ने स्वागत किया। इससे छात्रों की इन भाषायी विषयों में पकड़ मजबूत होगी। हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अभी तक नौवीं कक्षा के छात्र अंग्रेजी, हिंदी, अंक शास्त्र (गणित), विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान अनिवार्य विषय होते थे। इसके अलावा व्यवसायिक विषय, शारीरिक शिक्षा, कला, संगीत में से एक विषय चुनना होता था। अब अगले सत्र से छात्रों को इन विषयों के अलावा संस्कृत, पंजाब व उर्दू भाषा में से किसी एक विषय को वैकल्पिक तौर पर चुनना होगा। बता दें कि
शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में जुटा है। इसी के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार त्रिभाषा फार्मूले की लंबे समय से मांग थी। अब उसे लागू किया जा रहा है। अप्रैल से शुरू होने वाले दाखिले प्रक्रिया के दौरान नौवीं में प्रवेश लने वाले छात्रों के लिए यह अनिवार्य होगा।
सरकार की एक अच्छी पहल है। इससे छात्रों की भाषा पर पकड़ मजबूत होगी। संस्कृत भाषा को नई दिशा मिलेगी। बहुत कम छात्र ही भाषायी विषयों को चुनते थे। इससे छात्रों को अपनी सही भाषा का ज्ञान नहीं मिल पाता है।
-गौरव पाराशर, महासचिव, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
सरकार का यह फैसला सराहनीय है। पिछले काफी समय से त्रिभाषा फार्मूले को करने पर विचार चल रहा था। इससे छात्रों को बौद्धिक विकास होगा और छात्रों की भाषा पर पकड़ मजबूत होगी।
- संदीप चौहान, पूर्व प्रधा7न, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन
अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र से इसे लागू किया जाएगा। इस संबंध में जैसे ही सरकार की ओर से गाइड लाइन आएंगी। विद्यालय प्रमुखाें को अवगत करवाकर उसके पालन पर जोर दिया जाएगा।
-अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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