अष्टमी पर घर-घर हुआ कंजक पूजन, मंदिरों में की पूजा
गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी में मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा भक्तों...
गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी में मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा भक्तों ने कंजक पूजन के साथ की। मंदिरों के अलावा घर-घर कंजक पूजन किया गया। नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को मां महागौरी की पूजा अर्चना के साथ हवन-पूजन किया गया। मंदिरों में मां के महागौरी स्वरूप की आराधना की गई। कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय के साथ श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए।
प्राचीन शीतला माता के मंदिर में मां के महागौरी स्वरूप में महाकाल का श्रृंगार किया गया। इसके अलावा रेलवे रोड स्थित चिंतपूर्णी मंदिर, रेलवे रोड स्थित सुदर्शन मंदिर, प्रेम मंदिर, सिविल लाइंस स्थित सिद्धेश्वर मंदिर, घंटेश्वर मंदिर, सेक्टर-31 स्थित शक्तिपीठ मंदिर, मोहर कुंड मंदिर, सेक्टर-43 स्थित हनुमान मंदिर, राजीव नगर स्थित गुफावाले मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।
आज 11:14 बजे तक नवमी:
सुबह 11:27 बजे तक अष्टमी और इसके बाद नवमी शुरू होने से श्रद्धालुओं ने घरों में हवन कर कन्या पूजन किया। पंडित अमरचंद्र भारद्वाज ने कहा कि 25 अक्तूबर को 11:14 बजे तक नवमी रहेगी। ऐसे में पूरे नवरात्र व्रत रखने वाले इससे पहले व्रत का पारण कर सकते हैं। इसके बाद से दशमी का मान शुरू हो जाएगा। अष्टमी युक्त नवमी विशेष शुभकारी भी है। कन्या पूजन श्रेयस्कर होता है। ऐसा माना जाता है कि मां इन कन्याओं के माध्यम से ही अपना पूजन स्वीकार करती हैं। कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालु कन्याओं को भोजन के बजाय अनाथ आश्रम, कुष्ठ आश्रम व वृद्धाश्रमों में दान भी करते नजर आए। कुछ श्रद्धालुओं ने गाय को संकल्पित कन्या के अनुरूप भोजन कराया।
हलवा, पूरी,चने का लगाया भोग:
भक्तों ने हलवा, पूरी, चने अन्य पकवान बनाकर कंजक को भोग लगाया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं कंजक को विदा करते समय विभिन्न प्रकार के उपहार भी दिए। आठवें नवरात्र पर मंदिरों में मां महागौरी की पूजा श्रद्धा के साथ हुई। कई मंदिरों में भी पूजा अर्चना कर कंजकों को भोजन करवाया गया। गली-मोहल्ले में सुबह से ही मां दुर्गा के भक्तजन कन्याओं को ढूंढ़ कर उनकी पूजा अर्चना करने में लीन दिखे।
ढूंढने से भी नहीं मिली कंजक:
अष्टमी पूजन पर शनिवार को कई गली मोहल्लों में लोगों को ढूंढने से भी कंजक नहीं मिलीं। दस वर्ष से कम आयु की कंजक को ढूंढने के प्रयास में लोगों ने पहले अपनी बाइक का खूब पेट्रोल खर्चा, फिर कहीं जाकर उन्हें कंजक माता का आर्शीर्वाद प्राप्त हुआ। कई कई जगह तो एक-एक कंजक का 10-10 घर में पूजन किया गया। कंजक पूजन के लिए लोगों ने घरों में लाइन लगा कर अपने घर पर पूजा की। कंजक पूजन के लिए लोगों ने एक दिन पहले ही कंजक पूजन के लिए घर-घर जाकर बोलकर आए थे।
कंजक पूजन का महत्व:
पंडित केशव भारद्वाज ने कहा कि मां भवानी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कन्याओं का सम्मान पूजन बेहद जरूरी है। हर बार की तरह इस बार भी कंजकों की कमी देखी गई। नवरात्र के अंत में कंजक पूजन का महत्व है। इसके बिना नवरात्र व्रत अधूरा माना जाता है। कंजक पूजन के लिए दस वर्ष तक की नौ कन्याओं की पूजा की जाती है। पूरी, हलवा, खीर, भुने चने तैयार कर सबसे पहले मां दुर्गा को भोग लगाकर कंजकों को खिलाया जाता है। भोजन से पहले कन्याओं के पैर धोकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है।
दुर्गा पूजा महोत्सव में दिखा उत्साह:
शहर में चल रहे दुर्गा पूजा महोत्सव में श्रद्धालुओं में उत्साह दिखाई दिया। सेक्टर-4, 9ए, 15 पार्ट-2 सेक्टर-46, के सामुदायिक केंद्र पर दुर्गा महोत्सव आयोजित किया गया है। एक्सोमिया वेलफेयर सोसाइटी की आयोजिम दुर्गा पूजा में शनिवार को विधि विधान से संधि पूजा में श्रद्धालुओं ने शिरकत की। सोसाइटी के मनोरंजन शर्मा ने कहा कि चार दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। इसमें नवमी का दिन बहुत खास होता है। महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा बहुत धूम धाम से मनाई जाती है। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह महानवमी की पूजा से होगी।
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