मेडिकल उपकरण उद्योग के नुकसान की भरपाई के लिए अनुदान दे सरकार
फरीदाबाद में मेडिकल उपकरण बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर अमेरिका की नई टैरिफ नीति का असर होगा। उद्यमियों ने अनुदान और बिजली की कीमतों में कमी की मांग की है ताकि वे इस संकट का सामना कर सकें। अमेरिका के...

शहर में मेडिकल उपकरण बनाने की कई औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनका अमेरिका सहित कई देशों में निर्यात होता है। अमेरिका की नई टैरिफ नीति से शहर के मेडिकल उपकरण बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां प्रभावित होंगी। रविवार को अमेरिकी टैरिफ से उपजी परिस्थिति को लेकर ‘हिन्दुस्तान ने रविवार को औद्योगिक संगठन ‘ऑल इंडिया फोरम ऑफ एमएसएमई के साथ एनआईटी-तीन स्थित कार्यालय में संवाद किया। संवाद में उद्यमियों ने सभी तरह के माल का निर्यात करने वाले उद्यमियों को अनुदान के साथ-साथ माल भाड़ा पर प्रोत्साहन राशि और बिजली सस्ती करने की मांग की। ताकि, इस संकट से उद्यमी मुकाबला कर सकें। पेश है रिपोर्ट। फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता।
ऑल इंडिया फोरम ऑफ एमएसएमई के उद्यमियों ने रविवार को आयोजित संवाद के दौरान अमेरिकी टैरिफ से ऊपजी स्थिति पर चिंता जाहिर की। उद्यमियों का कहना था कि फरीदाबाद की गिनती देश के बड़े औद्योगिक शहरों में होती है। यहां पर बड़ी कंपनियों से लेकर हजारों की संख्या लघु उद्योग हैं। यहां पर गारमेंट, ऑटोमोबाइल्स, मेडिकल, दवा, मशीनरी आदि अमेरिका सहित विभिन्न देशों को निर्यात किया जाता है। उद्यमियों का कहना था कि पूर्व में फरीदाबाद का दवा क्षेत्र में भी बड़ा नाम था। यहां की फैक्टरियां हिमाचाल में स्थानांतरित हो गईं। अभी भी कुछ कंपनियां हैं। वहीं मेडिकल उपकरण बनाने के क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियां हैं, जिनका अमेरिकी सहित विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। औद्योगिक संगठन के ओवरसीज बिनजेस के प्रमुख सीए नवीन बंसल ने सरकार से निर्यातकों के लिए कोविड काल में शुरू की गईं प्रोत्साहन योजनाओं को फिर से शुरू करने की मांग की। उन्होंने बताया कि अब अमेरिकी आयातक कंपनियों से 26 प्रतिशत तक छूट देने की मांग कर रहे हैं। इतना मुनाफा तो निर्यातक लेता ही नहीं है। इससे देखते हुए सरकार को तुरंत सक्रिय होना चाहिए। कुछ न कुछ ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जिससे निर्यातकों के सामने संकट खड़ा न हो। वहीं सरकार विभिन्न देशों के साथ व्यापार संधि करे। ताकि, निर्यातकों के लिए नए बाजार तैयार हो सकें। देश के विकास के लिए निर्यात के क्षेत्र में अव्वल होना जरूरी है। संगठन के संयुक्त सचिव आदर्श कपूर बताते हैं कि अमेरिकी टैरिफ से बचाव के लिए केंद्र सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। मेडिकल उपकरण बनाने वाला उद्योग हो या किसी और श्रेणी के उद्योग। सभी के लिए स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। केंद्र सरकार को निर्यातकों के लिए अनुदान के साथ-साथ बिजली सस्ती करनी चाहिए। सरकार को मालभाड़े पर अनुदान देना चाहिए। जीएसटी का रिफंड भी आसानी से होना चाहिए।
जमीन और बिजली सस्ती करे सरकार: उद्यमियों का कहना है कि देश के औद्योगिक विकास के लिए निर्यात की बड़ी भूमिका है। अमेरिका के टैरिफ की मार से बचने के लिए सरकार को नए देशों के साथ साझेदारी करनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश अहम हो सकते हैं। वहीं औद्योगिक उत्पादन लागत कम करने की योजनाएं बनानी चाहिए। चीन की तर्ज पर उद्यमियों के लिए बिजली और जमीन सस्ती होनी चाहिए। इससे उद्यमी वैश्विक बाजार की प्रतिस्पर्धा में चुनौती पेश कर सकेंगे। बिजली सस्ती होने से उत्पादन लागत घटेगी। इसी तरह सरकार को अनुदान राशि देनी चाहिए। इससे उद्योगों की संख्या बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा। उद्यमियों का कहना था कि सरकार को उद्यमियों से राय लेकर औद्योगिक नीति बनानी चाहिए।
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