Hindi Newsएनसीआर न्यूज़फरीदाबादIllegal Bus Operations in Ballabgarh RTA s Negligence Leads to Economic Loss

आरटीए की अनदेखी से अवैध बसों का संचालन बढ़ा

बल्लभगढ़ में आरटीए की लापरवाही से अवैध बसों का संचालन बढ़ गया है। ये बसें बिना परमिट के चल रही हैं और यातायात नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। हरियाणा रोडवेज को नुकसान हो रहा है, और स्थानीय प्रशासन ने इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादFri, 1 Nov 2024 09:38 PM
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बल्लभगढ़। आरटीए की लापरवाही से बल्लभगढ़ में पिछले कुछ दिनों में अवैध बसों का संचालन काफी बढ़ गया है। अधिकतर बसें बिना परमिट के राजनीतिक संरक्षण के चलते सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है। इतना ही नहीं यह बसें जहां एक ओर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, वहीं, हरियाणा रोडवेज को भी काफी नुकसान पहुंचा रहीं हैं। हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक ने आरटीए से इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक बल्लभगढ़ से आगरा रूट पर रोजाना 40 से अधिक बसें दिन-रात दौड़ रही। अधिकांश बस संचालकों के पास परमिट भी नहीं है। इन बसों के अधिकतर ड्राइवर व कंडक्टर सरेआम यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैँ। इन बसों को खड़ा करने कोई निर्धारित स्थान नहीं है। अधिकतर बसें बस अड्डे के सामने आदर्श सब्जी से लेकर बस अड्डा पुलिस चौकी तक सरेआम खड़ी रहती है। इतना ही नहीं कई बार तो सरेआम रोड पर बसों को सवारियों को लेने के लिए आड़ा-तिरछा खड़ कर दिया जाता है। जिस कारण नेशनल हाइवे का ट्रैफिक जाम तक हो जाता है। इन बसों के ड्राइवरों व कंडक्टरों के पास किसी प्रकार की ड्रेस भी नहीं होती है। इसके अलावा यह बसें यात्रियों से सरकारी बसों के मुकाबले अधिक किराया वसूलते है। कई बार तो यह निजी बस चालक व कंडक्टर यात्रियों को किराये को लेकर उन्हें बीच रास्ते में उतार देते हैं। बहरहाल, नेशनल हाईवे पर सरपट दौड़ने वाले यह बसें लोगों को सुविधा कम सरकार को ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है।

आरटीए फरीदाबाद के पास ही इन बसों के चालान करने की पावर है। सुबह से लेकर देर रात तक इन निजी बसों का संचालन लगातार जारी रहता है। इन अवैध बसों से जहां इन बसों से हरियाणा रोडवेज को नुकसान हो रहा है। 50 से अधिक बसें बल्लभगढ़-आगरा रूट पर चल रही हैं।

- लेखराज, महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज फरीदाबाद

बल्लभगढ़ से आगरा रूट पर चलने वाली अधिकांश निजी बसों के पास परमिट नहीं है। जिन्हें समय-समय पर काबू कर चालान किए जाते हैं। स्टॉफ की कमी के चलते उन्हें परेशानी आती है।

- मनीष सहगल, आरटीए फरीदाबाद

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