Hindi NewsNcr NewsFaridabad NewsHealth Crisis in Faridabad 60 Increase in Fever and Viral Patients Due to Cold Weather

बीके अस्पताल में खांसी जुकाम के 60 फीसदी मरीज बढ़े

फरीदाबाद में ठंड के कारण बुखार, खांसी और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या 60% बढ़ गई है। बच्चों और बुजुर्गों में बीमारी की चपेट में आने की सबसे अधिक समस्या है। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि नवजात बच्चों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादSat, 14 Dec 2024 09:37 PM
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फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। दो दिन से पड़ रही ठंड का प्रतिकूल प्रभाव अब जिलेवासियों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। स्मार्ट सिटी में बुखार, खांसी, जुकाम एवं वायरल बुखार के रोगियों की संख्या 60 प्रतिशत तक बढ़ गई है। एक सप्ताह पहले की इनकी संख्या 80 से 85 थी। अब इनकी संख्या 170 से 175 पहुंच गई है। इनमें भी बच्चे सबसे अधिक परेशान हैं। बच्चे तेजी से वायरल बुखार की चपेट आ रहे हैं। बीके सहित निजी अस्पतालों की ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ के कमरे के बाहर अभिभावक अपने बीमार बच्चों के साथ कतार में लगे देखे जा सकते हैं। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का प्रभाव अब जिले तक पहुंचने लगा है। हवा बर्फीली हो गई है और लोगों को ठिठुरन का अनुभव कराने लगी हैं। इस हवा की चपेट में आकर बच्चे बीमार हो रहे हैं। शनिवार सप्ताह का अंतिम दिन होने के बाद भी बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी 120 रही है। इसमें करीब 80 बच्चे ऐसे थे, जो मौसम में आए बदलाव की वजह से बीमार थे। डॉक्टर दवा लिखने के साथ बच्चों को ठंड से बचाने के उपाय भी बता रहे हैं। बीके अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास गोयल ने बताया कि नवजात बच्चों का विशेष ध्यान रखने आवश्यकता है। यह सर्दी उनके लिए घातक साबित हो सकती है। बच्चों को गर्म कपड़ों से अच्छे से ढंके और इन्हें सप्ताह में एक बार नहलाएं। वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों को एक दिन छोड़कर अगले दिन गर्म पानी से नहलाना चाहिए और स्कूल भेजते समय टोपी अवश्य पहनाएं। सबसे अधिक ठंड सिर व छाती के जरिये शरीर में प्रवेश करती है।

बुजुर्ग भी हो रहे परेशान

इस ठंड में बुजुर्ग भी परेशान हो गए हैं। बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य व्यक्तियों के मुकाबले कम होती है। इसके चलते वह आसानी से ठंड की चपेट में आकर बीमार हो रही है। ठंड ही बुजुर्गों में निमोनिया का कारण भी बन रही है। बीके अस्पताल में 30 से अधिक बुजुर्ग उपचार के लिए पहुंचे थे। इनमें से पांच से सात बुजुर्गों में निमोनिया की शिकायत पाई गई है। बीके अस्पताल के डॉ. योगेश गुप्ता ने बताया कि बुजुर्गों को भी अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। सुबह के समय अधिक ठंड रहती है। ऐसे में अब सुबह की सैर से परहेज करना चाहिए। उन्हें घर पर ही रहकर योग एवं व्यायाम करना चाहिए। यदि सैर करने जाना है तो सूरज निकलने के बाद ही जाएं।

हार्ट अटैक और ब्रेन स्टोक का खतरा भी बढ़ा

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश राय सपरा ने बताया कि ठंड में नसें सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लॉकेज की शिकायत अधिक होती है। कुछ दिनों से प्रतिदिन पांच से सात स्टेंट डालने पड़ रहे हैं। शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए गर्म कपड़े पहने। इसके अलाव अधिक मेहनत वाला काम न करें। इससे रक्तचाप और हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। वहीं मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ कुनाल बहरानी ने बताया कि ठंड में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी अधिक रहता है। एक सप्ताह में सात से आठ रोग ब्रेन स्ट्रोक की समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं। मस्तिष्क में रक्त प्रवाह नहीं होने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो जाती है। लोगों को इससे बचने के लिए सिर पर टोपी अवश्य पहननी चाहिए। हालांकि शनिवार को शुक्रवार के मुकाबले ठंड से थोड़ी राहत मिली। अधिकतम तापमान 21 और न्यूनतम सात डिग्री दर्ज किया गया है, लेकिन बर्फीली हवा ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को तापमान छह से सात डिग्री के बीच रहेगा। शुक्रवार से मौसम करवट ले सकता है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसा होने पर जिलेवासियों को ठंड से काफी राहत मिल सकती है।

लोग बोले, दवा नहीं मिलने से परेशानी

दो-तीन दिनों से शरीर में दर्द की शिकायत है। दवा लेने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा था। इसके चलते सोमवार को बीके अस्पताल आए थे। डॉक्टर ने तीन दवा लिखी। इनमें से एक ही दवा मिली है, जबकि शेष दवा को बाहर से खरीदने के लिए बोल दिया गया

-संजू, भारत कॉलोनी

बीके अस्पताल में कभी भी पूरी दवा नहीं मिलती है। बुखार की दवा लेने आया था, लेकिन बीके अस्पताल में दवा ही नहीं है। बाहर से खरीदनी पड़ेगी।

-अखलेश, अग्रवाल, मुजेसर

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