बकाया भरने के बावजूद जीएसटी द्वारा भेजे जा रहे वैट के डिमांड नोटिस
फरीदाबाद में जीएसटी लागू हुए सात साल हो गए हैं, लेकिन उद्यमियों की समस्याएं खत्म नहीं हो रही हैं। विभाग ने वैट बकायेदारों को नोटिस भेजे हैं, जबकि उद्यमियों का कहना है कि उन्होंने पुराना बकाया चुका...
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। जीएसटी लागू हुए करीब सात वर्ष बीत गए है। इसके बावजूद उद्यमियों की समस्याएं कम नहीं हो रही है। विभाग द्वारा वैट बकायेदारों को डिमांड नोटिस भेजे जा रहे हैं। जबकि उद्यमियों का कहना है कि वह पुराना बकाया चुकता कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें परेशान किया जा रहा है।सरकार द्वारा वर्ष 2017 में वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) को खत्म कर फरीदाबाद समेत देशभर में नई कर व्यवस्था जीएसटी लागू किया गया था। इससे स्मार्ट सिटी में वैट के अंतर्गत आने वाले सभी उद्यमी ऑटोमेटकली जीएसटी के दायरे में आ गए। जिले में इस समय करीब 32 हजार एसएससी है।विभागीय सूत्रों अनुसार इनमें से करीब आठ हजार बकायेदार ऐसे हैं जिन्हें वैट के बकाया का भुगतान नहीं करने पर डिमांड नोटिस जारी किए गए हैं।इनमें विभाग के करोड़ों रुपये बकाया हैं। वहीं जीएसटी लागू होने के बाद नई टैक्स प्रणाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में समय के साथ कई बदलाव किए गए। जिससे उद्यमियों को टैक्स अदा करने में राहत मिल सके। बावजूद इसके कई खामियां बरकरार हैं। उद्यमियों ने बताया कि वह वैट का पुराना बकाया पहले ही अदा कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें बार-बार नोटिस भेजे जा रहे हैं।अधिकारी फोन कर बकाया अदा नहीं करने पर कंपनियां बंद करने की धमकी देते हैं।
गारंटर पर भी होगी कार्रवाई
जीएसटी अधिकारी ने बताया कि वैट व्यवस्था में पहले लाइसेंस लेने के लिए गारंटर से करीब दो लाख रुपये की अग्रिम सुरक्षा राशि जमा कराई जाती थी। यदि मूल बकायेदार टैक्स का पैसा नहीं करता है तो अग्रिम जमा राशि जब्त कर ली जाती है अन्य बकाया राशि के भुगतान नहीं करने पर गारंटर पर भी कार्रवाई होगी है। जीएसटी विभाग ने अब मूल बकायेदारों के साथ ही उनके गारंटरों को भी नोटिस जारी करने शुरू कर दिए है।
टैक्स अदा नहीं करने पर यह हो सकती है कार्रवाई
जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि वैट की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने वाले उद्यमियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही उनके संपत्ति अटैच की जाएगी। उन्हें बेच कर पैसे वसूले जाएंगे। इसके साथ ही जीएसटी लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।
जीएसटी पोर्टल में पहले से काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी इसे और दुरुस्त करने की जरूरत हैं। बैठक में ऐसी कई बार शिकायतें आती है कि वैट का पैसा अदा कर चुके हैं। इसके बाद भी विभाग नोटिस भेज रहा है। ऐसे उद्यमियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करना चाहिए।
- गौतम चौधरी, उपाध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
मेरी जवाहर कॉलोनी में वर्कशॉप है। वैट की बकाया राशि का पहले ही भुगतान कर चुके हैं। इसके बाद भी जीएसटी विभाग नोटिस भेज रहा है।
- हरीश कुमार, उद्यमी
वैट बकायेदारों के लिए विभाग को ऑनलाइन सिस्टम मजबूत करने के साथ ही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम दोबारा शुरू करनी चाहिए। इससे हजारों उद्मियों को राहत मिलेगी।
- दीपक भाटिया, वरिष्ठ अधिवक्ता, जिला टैक्स बार एसोसिएशन
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।