गणित के मार्गदर्शक विद्यार्थियों की राह आसान करेंगे
फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों में गणित के प्रति छात्रों के भय को समाप्त करने के लिए गणित मेंटोर नियुक्त किए जाएंगे। यह मेंटोर छात्रों के कॉन्सेप्ट को स्पष्ट करेंगे और उनकी दुविधाओं को दूर करेंगे। इससे...

फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के मन में अब गणित के प्रति भय नहीं रहेगा। गणित मेंटोर के छात्रों में विषय संबंधी भय को समाप्त करेंगे। इसके लिए जल्द ही सरकारी स्कूलों में गणित मेंटोर नियुक्त किए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के मन में गणित को लेकर भय रहता है। इस भय का असर उनके परिणाम में दिखाई देता है। पिछले वर्ष बोर्ड की परीक्षा में गणित का परिणाम 60 प्रतिशत रहा था। हर वर्ष परिणाम जारी होने के बाद अध्यापकों को अपने उच्च अधिकारियों को काफी सुननी पड़ती है और हर बार नई योजनाओं के साथ पढ़ाई जाती है, लेकिन वह धरातल पर नहीं दिखाई देती।
इस बार परिणाम आने से पहले ही अपनी तैयारियों में जुट गया है। इसके तहत छात्रों के गणित संबंधी कॉन्सेप्ट को स्पष्ट करने के लिए मेंटोर नियुक्ति किए जाएंगे। गणित से एमएससी करने वाले छात्रों को मेंटोर बनाया जाएगा। इनका कार्य छात्रों को पढ़ाने की बजाय उन दुविधाओं को दूर करना होगा, जिस पर वह अटक रहे हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ छात्रों को पढ़ाने के अनुभव मिलेगा, जोकि उनके भविष्य में काम आएगा। बता दें कि यह योजना शिक्षा विभाग अपने स्तर पर तैयार कर रहा है। इन कक्षाओं के छात्रों का करेंगे मार्गदर्शन सरकारी स्कूल में गणित मेंटोर नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को पढ़ाएंगे। बता दें कि स्मार्ट सिटी में इन कक्षाओं में करीब 80 हजार रुपये विद्यार्थी पढ़ते हैं। इन सभी को लाभ मिलेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से भुगतान भी किया जाएगा। अध्यापक गैर शैक्षणिक कार्यों में रहते हैं व्यस्त सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी किसी से छुपी नहीं है और जो अध्यापक कार्यरत हैं उन्हें गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रखा जाता है। इसके चलते विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल नहीं बन पाता है। गणित मेंटोर नियुक्ति होने से शिक्षा का माहौल बनने की उम्मीद है और यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले वर्षों में गणित के परिणाम में भी सुधार आएगा। यह हमारा प्रयास है कि छात्रों की गणित को मजबूत किया जाए। इसके चलते गणित मेंटोर के रूप में प्रयोग करने जा रहे हैं। यह सिर्फ छात्रों की गणित संबंधी दुविधा को समाप्त करने के लिए होंगे। यदि सफल रहा है तो आने वाले वर्षों के लिए भी लागू किया जाएगा। -अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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