बीके अस्पताल में दस बेड का ट्रॉमा सेंटर बनाने की तैयारी
फरीदाबाद में बीके अस्पताल में 10 आईसीयू बेड का ट्रॉमा सेंटर बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने प्रदेश को 200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। फरीदाबाद में ट्रॉमा सेंटर की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इसके...

फरीदाबाद। बीके अस्पताल में 10 आईसीयू बेड का ट्रॉमा सेंटर बनाया जाएगा। इसे लेकर केंद्र की ओर से प्रदेश सरकार को 200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। इस बजट में प्रदेश के 14 जिले में ट्रॉमा सेंटर बनाया जाएगा। इसमें फरीदाबाद भी शामिल हैं। जिले में ट्रॉमा सेंटर को की मांग लंबे समय से चली आ रही है। सरकार ने मांग पर संज्ञान लेते हुए ट्रॉमा सेंटर बनाने की घोषणा की है। स्मार्ट सिटी में आए दिन सड़क हादसे होते हैं। बीके अस्पताल में ट्रॉमा से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से पीड़ित को दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल रेफर किया जाता है। कई बार फरीदाबाद और दिल्ली की सड़कों पर जाम होने की वजह से पीड़ित को समय से उपचार नहीं मिल पाता है और रास्ते में ही मृत्यु हो जाती है। इसे लेकर कई सामाजिक संस्थाओं ने समय-समय पर फरीदाबाद में ही ट्रॉमा सेंटर बनाने की मांग की जाती रही है। फिलहाल समाज सेवी सतीश चोपड़ा बीके अस्पताल के बाहर करीब डेढ़ महीने से धरने पर बैठे हुए हैं। बीके अस्पताल में बनने वाले ट्रॉमा सेंटर का काम अगले सप्ताह तक शुरू हो सकता है। इसके तहत ऑपरेशन थियेटर को अपग्रेड किया जाएगा।
ब्लड बैंक अपग्रेड होगा
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को खून भी बह जाता है। पीड़ित को जीवन देने के लिए रक्त की भी आवश्यकता होती है। इसके चलते बीके अस्पताल के ब्लड बैंक को भी अपग्रेड किया जाएगा। 300 ब्लड बैग रखने की क्षमता वाले रेफ्रिजरेटर की मांग की गई है। इसके अलावा ब्लड मशीन सहित कई अन्य मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे मरीजों को आपातकाल में मदद मिल सकेगी।
स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑपरेशन थियरेटर बनाए जाएंगे
बीके अस्पताल में ट्रॉमा केयर सेंटर बनने के बाद मरीजों का लोड बढ़ जाएगा। इसके चलते सरकार ने कौराली, तिगांव, खेड़ीकला और पाली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में माइनर ऑपरेशन थियेटर बनाने का फैसला किया है। इसके अलावा इन सभी में ब्लड बैंक भी बनाया जाएगा। यहां पर 50 यूनिट रक्त रखने की क्षमता होगी। ताकि ऑपरेशन के दौरान यदि किसी रोगी को रक्त आवश्यकता पड़ती है तो उसे बीके अस्पताल न जाना पड़े। वहीं पांच-पांच बेड का आईसीयू वार्ड भी बनाया जाएगा।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सभी जिलों में ट्रॉमा सेंटर बनाने की घोषणा की है। इसके तहत 200 करोड़ रुपये प्रदेश को दिए गए हैं। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए एक घंटा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना ट्रॉमा केयर सेंटर का उद्देश्य रहेगा।
-डॉ. एमपी सिंह, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी
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