रूट मैप तैयार न होने से पूरे शहर में पानी का छिड़काव शुरू नहीं हो पाया
फरीदाबाद में प्रदूषण कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव करने की आवश्यकता है। नगर निगम प्रशासन अभी तक टैंकरों का रूट मैप तैयार नहीं कर पाया है। उद्योगों में वर्क फ्रॉम होम लागू नहीं हो पाया है।...
फरीदाबाद। प्रदूषण में कमी लाने के लिए सड़कों पर पड़ी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पूरे शहर में छिड़काव की जरूरत है। लेकिन, अभी नगर निगम प्रशासन छिड़काव के लिए टैंकरों का रूट मैप तैयार कर पूरे शहर में छिड़काव शुरू नहीं कर पाया है। टैंकर खराब होने के कारण भी निगम प्रशासन किराए पर टैंकर लेने की तैयारी में जुटा है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव करने से लेकर एंटी स्मोग गन से भी छिड़काव करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। वहीं सड़कों की सफाई के लिए भी खास निर्देश दिए गए हैं। वहीं कूड़ा जलने से रोकने के साथ-साथ उद्योगों में वर्क फ्रॉम होम लागू करने के लिए भी कहा गया है। लेकिन, संसाधनों के अभाव में अभी भी आयोग के आदेशों पर पूरी तरह अमल नहीं हो पा रहा है। सड़कों पर पानी का छिड़काव करने के लिए नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवलेपमेंट अथोरिटी सहित अन्य विभागों की जिम्मेदारी है। लेकिन, विभागों के पास संसाधन ही नहीं हैं। नगर निगम के बेड़े में टैंकर खराब पड़े हुए हैं। टायरों खराब होने के कारण ये चालू हालत में नहीं हैं। पूरे शहर में पानी का छिड़काव करने के लिए निगम प्रशासन को 45 टैंकर की जरूरत है। लेकिन, अभी विभाग के पास इतने टैंकर नहीं है। अब शुरुआती तौर पर विभाग निजी एजेंसी से 25 टैंकर लेकर पानी का छिड़काव शुरू करवाने जा रहा है। इसके लिए रूट प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हालांकि, कुछ रूट पर अपने टैंकर से निगम पानी का छिड़काव शुरू कर चुका है। लोगों का कहना है कि यह छिड़काव उन सड़कों पर ज्यादा किया जा रहा है, जहां पर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हुए हैं। ताकि, सिस्टम के आस-पास के इलाके में छिड़काव होने से एक्यूआई पर असर पड़ सके।
फैक्टरियों में नहीं हो पाया वर्क फ्रॉम होम
उपायुक्त विक्रम सिंह ने मंगलवार को बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए वर्क फ्रॉम होम करने का परामर्श दिया था। इसमें 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया था। लेकिन, उद्योगों में यह लागू नहीं हो सका। इसकी वजह शहर में आईटी कंपनियों का न होना है। उद्यमियों का कहना है कि यहां उद्योगों में मशीनी काम ज्यादा है। वहीं कंपनियों के अधिकारी और कर्मचारी बीएस-छह वाहनों में चलते हैं। हालांकि, स्कूलों में बुधवार को ऑनलाइन कक्षाएं लगीं।
कूड़े में आग लगने पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा निगम
केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा कूड़े में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया हुआ है। लेकिन, नगर निगम प्रशासन रोजना कूड़े को नहीं उठवा पा रहा है। इस वजह से अज्ञात लोग कूड़े में आग लगा रहे हैं। बुधवार को भी शहर में मलेरना रोड पर कूड़े में आग लगा देखी गई। इसी तरह शहर के बाकी हिस्सों में कूड़ा जलाया गया। कूड़े में आग को रोकना नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
ट्रैफिक लाइट पर इंजन को बंद नहीं कर रहे वाहन चालक
ट्रैफिक लाइट पर वाहन चालकों को इंजन बंद करने का परामर्श दिया गया है। लेकिन, वाहन चालक ट्रैफिक लाइट पर इंजन को स्टार्ट रखते हैं। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट पर इंजन बंद करने के लिए भी जागरूक नहीं किया जा रहा है। दिल्ली-आगरा हाईवे के चौकों पर बोर्ड के कर्मचारी या स्वयंसेवक वाहन चालकों को जागरूक करते नजर नहीं आ रहे हैं।
वर्क फ्रॉम होम आईटी कंपनियों में संभव है। हमारे यहां अधिकांश उद्योगों में मशीनों पर काम होता है। इस वजह से 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करना आसान नहीं है। फिर भी उद्योग अपने स्तर पर नियमों का पालन कर प्रदूषण में कमी लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
- राज भाटिया, प्रधान, फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
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