निजी स्कूल आरक्षित सीटों की जानकारी नहीं दे रहे
फरीदाबाद में स्मार्ट सिटी के तहत आरटीई के लिए आरक्षित सीटों की जानकारी केवल 18 प्रतिशत विद्यालयों ने दी है, जिससे दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। शिक्षा निदेशालय ने निजी विद्यालयों को अंतिम मौका...

फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी के निजी आरटीई (विद्यालय शिक्षा का अधिकार) के तहत आरक्षित सीटों जानकारी को लेकर गंभीर नहीं है। जिले के मात्र 18 प्रतिशत विद्यालयों ने ही आरक्षित सीटों की जानकारी दी है। इसके चलते आरटीई के तहत अभी तक दाखिला प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई है। शिक्षा निदेशालय ने अब निजी विद्यालयों को एक अंतिम मौका दिया है। विद्यालयों प्रबंधकों को मंगलवार तक का समय दिया गया है। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने अपना पोर्टल खोल दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित होनी है। हर वर्ष नया सत्र शुरू होने से पूर्व विद्यालयों को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आरक्षित सीटों की जानकारी देनी होती है। निजी विद्यालय प्रबंधक आरटीई को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। अभी तक मात्र 18 प्रतिशत विद्यालयों ने जानकारी दी है। बता दें कि स्मार्ट सिटी में करीब 1200 मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं। इसमें से मात्र 216 विद्यालयों ने जानकारी दी है। 984 विद्यालयों ने जानकारी नहीं है। सभी विद्यालयों की जानकारी सुनिश्चित करने के लिए एक अंतिम मौका दिया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी सभी विद्यालय प्रबंधकों को फोन करके आरक्षित सीटों की जानकारी अपलोड करने के लिए कह रहे हैं। इसके अलावा यदि किसी विद्यालय ने आरक्षित सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के दाखिले कर लिए हैं तो उसकी जानकारी देने के लिए कहा गया है।
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं सीटें
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रतिशत सीट आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित होती है। इस श्रेणी में दाखिला लेने के लिए वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये या उससे कम होनी चाहिए। इससे अधिक आय वाले परिवार के बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिलता है। इस योजना के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों को निजी विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा दी जाती है और सरकार उसकी फीस का भुगतान करती है।
दाखिला प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई
आरक्षित सीट पर दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय ने मार्च में ही जानकारी मांगना शुरू कर दी थी। ताकि एक अप्रैल तक दाखिला संबंधी प्रक्रिया पूरी हो जाए और बच्चे समय से स्कूल जाने लगे, लेकिन विद्यालय प्रबंधकों की उदासीनता की वजह से अभी तक दाखिला प्रक्रिया तो दूर आरक्षित सीटों की जानकारी ही शिक्षा निदेशालय को प्राप्त नहीं हो पाई है। अभी तक दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं होने से अभिभावक निजी विद्यालयों और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है। यदि वह दाखिले में विलंब करेंगे तो उनका बच्चा पाठ्यक्रम में पिछड़ सकता है।
शिक्षा निदेशालय ने रविवार को पोर्टल बंद कर दिया था। पूरे प्रदेश में निजी विद्यालयों ने बहुत ही कम संख्या में आरक्षित सीटों की जानकारी दी थी। इसके चलते मंगलवार तक का समय बढ़ा दिया है। विभाग के कर्मचारी सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं कि अधिक संख्या में विद्यालय प्रबंधन आवेदन करें।
-अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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