फरीदाबाद नगर निगम को खोरी गांव से अवैध कब्जे हटाने को मिला और चार सप्ताह का समय
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फरीदाबाद नगर निगम को खोरी गांव में अरावली वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए चार सप्ताह का और समय दिया है। नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि खोरी गांव में लगभग 150 एकड़ भूमि के...
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फरीदाबाद नगर निगम को खोरी गांव में अरावली वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए चार सप्ताह का और समय दिया है। नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि खोरी गांव में लगभग 150 एकड़ भूमि के आधे हिस्से पर से अवैध निर्माण को पहले ही हटाया जा चुका है। मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी। उधर, खोरी में शुक्रवार को भी कार्रवाई जारी रही। निगम के दस्ते दिल्ली सीमा तक अवैध निर्माण साफ कर दिए।
सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि क्षेत्र में वन भूमि पर सभी अवैध ढांचों को बिना किसी अपवाद के हटा दिया जाना चाहिए। अदालत ने इसमें शामिल मानवीय कार्य को ध्यान में रखते हुए नगर निकाय को समय दिया। अदालत ने कहा कि 7 जून के उसके आदेश के बाद निगम हरकत में आया है।
नगर निगम की ओर से पेश हुए वकील ने बेंच को बताया कि उन्होंने अवैध निर्माण को हटाने के लिए एक सुनियोजित अभियान चलाया है और अब तक 150 एकड़ में से 74 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है, जो वापस नगर निकाय के कब्जे में आ गई है। बेंच को बताया कि वन भूमि पर सभी अवैध निर्माणों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए और तीन सप्ताह की आवश्यकता है।
खोरी गांव में दिल्ली सीमा तक अवैध निर्माण साफ : नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते खोरी गांव में शुक्रवार को दिल्ली सीमा तक अवैध निर्माण साफ कर दिए। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। महिलाओं की तरफ से घर ढहाने से पहले कई जगह हल्का विरोध किया गया, लेकिन महिला पुलिस कर्मियों ने उनको हटा दिया। उसके बाद बुल्डोजर चला दिया गया। निगम के दस्ते ने कब्जा हटाने की कार्रवाई सुबह दस बजे शुरू की और शाम पांच बजे तक चली।
अरावली के फार्म हाउस पर चलेगी जेसीबी
सुप्रीम कोर्ट में खोरी मामले को लेकर दायर याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि एक तरफ वन भूमि पर बने खोरी गांव को साफ किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अरावली के वन क्षेत्र में आलीशान फार्म हाउस और होटल बने हुए हैं। इस पर अदालत ने कहा कि वन क्षेत्र से हर प्रकार के अतिक्रमण को हटाया जाएगा।
31 तक पुनर्वास योजना अधिसूचित करने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव मामले में एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि निगम प्रशासन पुनर्वास योजना को 31 जुलाई तक अधिसूचित करे और जिन लोगों के मकान ढहाए गए हैं उनको शेल्टर और भोजन देने का बंदोबस्त करें। शुक्रवार को मजजूर आवाज संघर्ष समिति के सदस्य निर्मल गोराना और फुलवा देवी ने यह जानकारी दी।
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