Hindi Newsएनसीआर न्यूज़फरीदाबादFaridabad Celebrates 75th Foundation Day of NIT with Cake Cutting Ceremony

एनआईटी के स्थापना दिवस पर पंजाबी समाज ने काटा केक

फरीदाबाद में एनआईटी का 75वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर फ्रंटियर और पंजाबी युवा मंच द्वारा केक काटकर खुशियाँ मनाई गईं। राजेश भाटिया ने विभाजन के समय विस्थापित लोगों की यादें साझा की।...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादThu, 17 Oct 2024 11:09 PM
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फरीदाबाद। एनआईटी फरीदाबाद का 75वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर प्रमुख संस्था फ्रंटियर एवं पंजाबी युवा मंच की ओर से एनआईटी-दो स्थित शंकर सेवा कार्यालय पर केक काट कर खुशियां मनाई गईं। मंच के प्रदेशाध्यक्ष राजेश भाटिया ने फ्रंटियर से उजड़ कर आए लोगों का दुख दर्द बयां किया। इस दौरान लोगों को देश के बाद बंटवारे के बाद यहां विस्थापित होने की यादें ताजा हो गईं, जिनके बारे में अपने माता-पिता से सुनते आ रहे थे। भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान सरकार की ओर से पाकिस्तान से उजड़कर आए लोगों को फरीदाबाद में जगह दी गई थी। इसके बाद 17 अक्तूबर वर्ष 1949 को एनआईटी-पांच स्थित शहीद भगत सिंह चौक पर फावड़ा चलाकर एनआईटी शहर को बसाने की कवायद शुरू की गई थी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद फरीदाबाद विकास बोर्ड के चेयरमैन बने थे। उन्होंने शहर को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज यहां व्यापक स्तर पर उद्योग-धंधे स्थापित हो चुके हैं। जिससे शहर की पहचान अब औद्योगिक नगरी के रूप में बन गई है। विस्थापित होकर आए लोग फरीदाबाद में बड़े-बड़े उद्योगों के संचालक हैं। कोई ऐसा कारोबार नहीं है, जहां इनकी धमक न हो।

गुरुवार को संस्था के पदाधिकारियों ने केक काट कर एनआईटी का जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर प्रकाश लाल शर्मा, संजय शर्मा, सुनील भाटिया, आतम भाटिया, राजन मुथरेजा, विशाल और वेद भाटिया सहित अनेक लोग मौजूद रह

इन क्षेत्रों के लोगों को यहां बसाया गया था

राजेश भाटिया ने बताया कि वर्ष 1947 में एनआईटी अविकसित क्षेत्र था। पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा देश के विभाजन के बाद पश्चिमी पंजाब व उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत के छह जिलों से लोग यहां बसाए गए थे। इन छह जिलों में पेशावर, बन्नू, कोहाट, हजारा, मर्दान और डेरा इस्माइल खान शामिल थे। इन छह जिलों से आए हुए लोगों के लिए फरीदाबाद में एनआईटी शहर बसाया गया था। 17 अक्तूबर वर्ष 1949 को को फावड़ा चलाकर शहर को बसाने की शुरुआत हुई थी। इसी दिन से एनआईटी का स्थापना दिवस मनाया जाने लगा। आज विस्थापित हुए लोगों की वजवह से यह शहर औद्योगिक नगरी बन चुका है। सरकार ने इन विस्थापित लोगों के लिए यहां बाटा आदि फैक्टरियों की स्थापना करवाई थी। समय के साथ इसका औद्योगिकरण बढ़ता चला गया। अब यहां पर अनेक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हो चुकी है। औद्योगिक नगरी का तमगा प्राप्त हुआ। इसमें विस्थापित होकर आए लोगो ने अहम भूमिका निभाई है।

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