ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने की तैयारी
फरीदाबाद में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को ट्रॉमा सेंटर और नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने की तैयारी है। इससे घायलों को त्वरित चिकित्सा सुविधा मिलेगी और प्रशिक्षित...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को ट्रॉमा सेंटर और नर्सिंग कॉलेज निर्माण के लिए पहले चरण में पांच एकड़ जमीन देने की तैयारी है, बाकी 10 एकड़ बाद में दी जाएगी।इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। प्राइवेट अस्पतालों को छोड़ दिया जाए तो सरकारी स्तर पर न तो घायलों के उच्च स्तरीय इलाज के लिए ट्रामा सेंटर की सुविधा और न हार्ट सेंटर पर मरीजों का उचित इलाज मिल रहा है। सेंटर पर एक सप्ताह से डॉक्टर के अभाव में ताला लटका हुआ है। ऐसे में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ओर से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल से जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी, जिसे उन्होंने पिछले दिनों मंत्री ने मंजूर कर लिया था। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को अस्पताल के पास खाली जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। इस जमीन पर 500 बेड का ट्रामा सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा मरीजों और डॉक्टरों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी। प्रथम चरण में कॉलेज को ट्रॉमा सेंटर और नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दिए जाने की तैयारी है, जबकि बाकी 10 एकड़ जमीन दूसरे चरण में कॉलेज को सौंपी जाएगी। सरकार की ओर से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को जमीन के आवंटन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज हो गई है। उच्च अधिकारियों के बीच बैठकें हो रही हैं और सभी औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने की दिशा में प्रयास जारी हैं, जिससे उम्मीद है कि आगामी दो से तीन माह में ट्रॉमा सेंटर और नर्सिंग कॉलेज के निर्माण की आधारशिला रखी जा सकेगी। स्मार्ट सिटी के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।
घायलों को तत्काल इलाज मिलेगा
शहर में रोजाना सड़क दुर्घटनाओं में चार से पांच घायल बीके अस्पताल पहुंचते हैं। सुविधाओं के अभाव में घायलों को दिल्ली रेफर कर दिया जाता है।समय पर उचित इलाज न मिलने पर कई बार बीच रास्ते में मरीज की जान भी चली जाती है। ऐसे में ईएसआईसी अस्पताल में बनने वाले ट्रॉमा सेंटर के निर्माण से सड़क दुर्घटनाओं और आपातकालीन स्थितियों में पीड़ितों को तत्काल इलाज मिल सकेगा, जिससे जानें बचाने में मदद मिलेगी। वहीं, नर्सिंग कॉलेज के जरिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, जो भविष्य में अस्पताल की सेवाओं को सशक्त बनाएंगे।
सरकार से जमीन उपलब्घ कराने की बात चल रही है। यदि जमीन मिल जाती है तो ट्रामा सेंटर का निर्माण को गति दी जाएगी।यह सेंट्रल ईएसआई कार्ड धारकों के अलावा सामान्य लोगों के लिए होगा।
-डॉ. अनिल पांडे, डीन ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल
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