भारत बंद को लेकर चार घंटे तक लोहा मंडी में कारोबार प्रभावित रहा
फरीदाबाद। जीएसटी की वसूली के तरीकों में बदलाव व सरलीकरण बनाने संबंधित कई मांगों...
फरीदाबाद। जीएसटी की वसूली के तरीकों में बदलाव व सरलीकरण बनाने संबंधित कई मांगों को लेकर कैट (कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) के भारत बंद आह्रवान का औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में मिला जुला असर रहा। सुबह कई जगह विरोध दर्ज किया, दोपहर बाद दुकानें खोल दी। लोहा मंडी समेत अन्य कई कारोबार चार घंटे तक प्रभावित रहे। लोहा मंडी में सुबह से कुछ दुकानें बंद रही, लेकिन इसके बाद दोपहर बाद तक धीरे-धीरे सभी दुकानें खुलती चली गई। व्यापारियों के हड़ताल के आह्रवान पर लोहा मंडी बाजार में सुबह से ही सुस्ती छाई रही। जिसका असर यहां के कारोबार पर भी पड़ा।
फरीदाबाद आयरन एवं स्टील ट्रेडर एसोसएिशन के प्रधान सीपी कालरा ने बताया कि जीएसटी का यह समस्य देश व्यापी है। जिसका समाधान किया जाना जरूरी है। व्यापारी वर्ग टैक्स देने को तैयार है, लेकिन इसका सरलीकरण होना भी जरूरी है। आज व्यापारी वर्ग जीएसटी के फेर में फंस चुका है। जीएसटी प्रक्रिया सरलीकरण बनाने की बजाय उल्टा जटिल बना दी गई है। सरकार को चाहिए कि प्रतिनिधिमंडल को समय देकर व्यापारी की जीएसटी संबंधित समस्याओं को सरकार दूर करे। जब भी सरकार कोई नया नोटिफिकेशन तैयार करती है उसमें औद्योगिक संगठन व व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल को शामिल नहीं किया जाता। जबकि सरकार को नोटिफिकेशन तैयार करते वक्त व्यापारियों की समस्याएं भी सुननी चाहिए।
एक करोड़ रुपये का नुकसान
एसोसएशन के प्रधान सीपी कालरा ने दावा कि कैट के आह्रवान पर फरीदाबाद में शुक्रवार दोपहर दो बजे तक लगभग 500 में से अधिकांश दुकानें बंद रही। इसके चलते फरीदाबाद से प्रतिदिन सप्लाई होने वाले लोहा की 5 हजार टन में से मात्र 2 हजार टन की सप्लाई हो सकी। इससे जीएसटी समेत करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। व्यापारी हमेशा विकास में सहायक होते हें। वह किसी तरह बाधा बनना नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के उद्देश्य से यह आंदोलन किया।
व्यापारियों को झेलनी पड़ रही है दोहरी मार
फरीदाबाद आयरन एवं स्टील ट्रेडर्स एसोसएिशन के महासचिव अरूण कुमार गुप्ता ने बताया कि माल खरीदते वक्त व्यापारी टैक्स की अदायगी करके आता है। वह टैक्स उस खरीददार व्यापारी को उस समय वापस मिलता है, जब सामान बेचने वाला व्यापारी अपने निर्धारित समय से टैक्स की अदायगी कर देगा, लेकिन अक्सर कई बार किसी दिक्कत के चलते अगर सामान बेचने वाला व्यापारी अपने टैक्स की अदायगी नहीं कर पाता है तो सामान खरीदने वाले को वह जमा किया टैक्स तब तक नहीं मिल सकेगा, जब तक वह व्यापारी अपना टैक्स जमा न कर देगा।
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