अटल टिंकरिंग लैब शुरू होने से सरकारी स्कूलों के छात्र तकनीकी ज्ञान से होंगे रूबरू
आम बजट में राजकीय विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की घोषणा की गई है। इससे छात्रों को तकनीक शिक्षा, स्टार्टअप और उद्यमशीलता का ज्ञान मिलेगा। ब्रॉडबैंड सुविधा भी लागू की जाएगी, जिससे ऑनलाइन...
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फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। आम बजट में राजकीय विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब शुरू करने पर विशेष बल दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब शुरू करने की घोषणा की है। इससे आने वाले समय में राजकीय विद्यालयों के छात्र तकनीक शिक्षा से रूबरू होंगे। छात्रों को स्कूल स्तर से स्टार्टअप और उद्यमशीलता (एन्ट्रोप्रेन्योरशिप) के प्रेरित किया जाता है। शिक्षा जगत से जुड़े लोग राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार छात्रों को इस प्रतियोगी युग के योग्य बनाने के लिए तकनीक ज्ञान देने की अत्यधिक आवश्यकता है। राजकीय विद्यालयों में अब इसकी शुरुआत हो रही है। छात्र अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं नवाचार को अटल टिंकरिंग लैब में मूर्त रूप दे सकेंगे। इसके अलावा छात्रों को 3-डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स और आईओटी जैसी तकनीकों का भी ज्ञान मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इससे राजकीय विद्यालयों के छात्रों का विज्ञान की ओर रुझान बढ़ेगा। इसके अलावा उन्हें आधुनिक शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा। यह छात्र ही देश को विकसित बनाने की सपने को सार्थक कर सकेंगे। बता दें कि स्मार्ट सिटी में अभी पांच विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब चल रही है।
ब्रॉडबैंड की सुविधा मिलेगी
आम बजट में ब्रॉड बैंड को भी विशेष महत्व दिया गया है। माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों में ब्रॉड बैंड लगाने की घोषणा की गई है। इससे राजकीय विद्यालयों के छात्र ऑनलाइन शिक्षा में मजबूत हो सकेंगे। इसके अलावा राजकीय विद्यालयों के लिए कई प्रकार के प्रशिक्षण सेमिनार सहित कार्यक्रम आयोजित होते हैं। ब्रॉड बैंड की सुविधा नहीं होने से छात्र ज्ञान वर्धक सेमिनार में हिस्सा लेने से वंचित रह जाते हैं। ब्रॉड बैंड की सुविधा होने से अध्यापकों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। अभी हाल ही में एमआईएस पोर्टल पर छात्रों की उपस्थिति अपलोड नहीं होने से स्मार्ट सिटी के हजारों छात्र स्कॉलरशिप से वंचित रह गए थे। अब अध्यापक इंटरनेट की समस्या का बहाना नहीं बना सकेंगे।
अटल टिंकरिंग लैब आज समय की मांग है। छात्राें को अब परंपरागत के साथ आधुनिक शिक्षा से भी रूबरू करना आवश्यक है। यह सरकार का सराहनीय कदम है। छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा। वह अपने नवाचारों को मूर्त रूप दे सकेंगे। यह छात्रों की सोच को मूर्त देने का एक प्लेटफार्म होगा।
-एमजी शर्मा, सेवानिवृत उप मंडल शिक्षा अधिकारी
स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने और उच्च शिक्षा में केवल आईआईटी और मेडिकल शिक्षा पर ध्यान दिया गया है, जबकि महाविद्यालय स्तर की शिक्षा को लेकर कोई प्लानिंग की घोषणा नहीं की गई है। छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार की आवश्यकता है। रोजगार परख कोई भी योजना आम बजट में शामिल नहीं थी।
-डॉ. एमके गुप्ता, पूर्व प्राचार्य, पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय
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