सूरजकुंड मेला: गेट नंबर एक के पास हट्स में लगेगी 68 स्टॉल
फरीदाबाद में 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हस्त शिल्पियों के लिए अधिक स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। गेट नंबर एक के पास 68 स्टॉल्स लगाई जाएंगी, जहां कारीगर अपनी पारंपरिक कला और उत्पादों को...
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। अरावली की खूबसूरत वादियों में लगने वाले 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हस्त शिल्पियों के लिए अधिक जगह उपलब्ध कराई जाएगी। गेट नंबर एक के पास बनी हट्स में 68 स्टॉल्स लगाई जाएंगी, जहां हस्तशिल्प कारीगरों और व्यावसायिक उद्यमियों को अपनी कला और उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। पर्यटन निगम की ओर से टेंडर कर दिया गया है, जल्द पर काम शुरू किया जाएगा। जिले में 7 फरवरी से 23 फरवरी तक लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की तैयारियां जोरशोर से जारी है। मेले की दो थीम स्टेट पर पहले ही मुहर लग चुके हैं। इस बार मध्य प्रदेश और ओडिशा को थीम स्टेट बनाया गया है, जिससे दोनों ही राज्यों की कला संस्कृति की छंटा मेले में बिखरेगी।इसके साथ ही हस्त शिल्प कारीगरों के लिए अतिरिक्त स्टॉल देने की तैयारी की गई है।
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हस्तशिल्प कारीगरों को मिलेगा मंच
मेले में हस्तशिल्प कारीगर अपनी पारंपरिक कला और शिल्पकृतियों को प्रदर्शित कर सकेंगे। यह स्टॉल्स उनके लिए एक बड़ा अवसर साबित होंगी, जहां वे अपने उत्पादों को देश-विदेश के पर्यटकों के सामने पेश कर सकते हैं। इन स्टॉल्स पर हाथ से बने कपड़े, जूलरी, पेंटिंग, लकड़ी के सामान और अन्य शिल्प उत्पादों को देखने और खरीदने का मौका मिलेगा।
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व्यावसायिक स्टॉल्स भी होंगी आकर्षण का केंद्र
स्टॉल्स पर कमर्शियल उत्पादों की भी अच्छी-खासी रेंज उपलब्ध होगी। इसमें घरेलू उपयोगी सामान, फैशन आइटम्स, सजावटी वस्तुएं और खानपान से संबंधित उत्पाद शामिल होंगे। स्टॉल संचालकों को उम्मीद है कि मेला पर्यटकों की बड़ी संख्या में आमद से व्यवसाय को बढ़ावा देगा।
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प्रशासन की तैयारियां
सूरजकुंड मेला प्राधिकरण ने बताया कि स्टॉल्स की डिजाइन और स्थान का चयन इस तरह किया गया है कि पर्यटकों को खरीदारी और घूमने में कोई असुविधा न हो। अधिकारियों ने कहा कि यह स्थान हस्तशिल्प और व्यापार के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है।
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स्थानीय और विदेशी कलाकारों का मेल
मेला हमेशा की तरह देश-विदेश के कलाकारों का संगम होगा। गेट नंबर एक के पास लगाए गए स्टॉल्स पर्यटकों के लिए मेले के मुख्य आकर्षणों में से एक होंगे।
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स्थानीय हस्तशिप कारीगरों ने सराहा
डबुआ कॉलोनी निवासी हस्तशिल्प कारीगर राम नाथ, अजीत ने बताया कि वे हर साल मेले में मट्टी के बर्तन की स्टॉल लगाते हैं। कुछ ऐसे भी कारीगर है जिन्हें स्टॉल नहीं मिलते और उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। स्टॉल में अतिरिक्त जगह मिलने से यह उनके काम को व्यापक पहचान दिलाने में मदद करेगा।
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वर्जन
सूरजकुंड मेला कला, संस्कृति और व्यापार का ऐसा मंच है, जो न केवल कारीगरों और व्यापारियों को आगे बढ़ने का मौका देता है, बल्कि पर्यटकों को भी एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। इस बार मेले में हस्तशिल्प कारीगरों को अधिक जगह उपलब्ध कराई जाएगी। - यूपी भारद्वाज, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण
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