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भारतीय दूल्हे की तलाश में सूरजकुंड मेला पहुंची विदेशी शिल्पकार, बताया क्यों अलग हैं इंडियन

फरीदाबाद में हस्तशिल्प के महाकुंभ सूरजकुंड मेला शिल्प के अलावा जीवन साथी तलाशने का मंच भी बनता जा रहा है। यहां शिल्पकार वस्तुओं की बिक्री के साथ शादी का भी फैसला कर रहे हैं।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, फरीदाबादSat, 15 Feb 2025 07:02 AM
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भारतीय दूल्हे की तलाश में सूरजकुंड मेला पहुंची विदेशी शिल्पकार, बताया क्यों अलग हैं इंडियन

फरीदाबाद में हस्तशिल्प के महाकुंभ सूरजकुंड मेला शिल्प के अलावा जीवन साथी तलाशने का मंच भी बनता जा रहा है। यहां शिल्पकार वस्तुओं की बिक्री के साथ शादी का भी फैसला कर रहे हैं। इथोपिया की 24 वर्षीय शिल्पकार तिहिटीना बिले गाशु भी इन्हीं में से एक हैं। वह मेले में भारतीय दूल्हे की तलाश कर रही हैं। मेले में पहली बार शिरकत कर रही तिहिटीना को भारत बहुत पसंद आया है। तिहिटीना ने स्नातक तक की पढ़ाई की हुई है।

गाशु अपने इथोपिया के पारंपरिक परिधानों को साथ लेकर आई हैं, जोकि कॉटन से बने हुए हैं। तिहिटीना बताती है कि वह अपने साथ ऊन से बने स्कार्फ लेकर आई है। इसके अलावा महिलाओं के लिए पारंपरिक कुर्ते और स्कर्ट भी लाई हैं। पर्यटक उनके परिधानों में बहुत रुचि भी दिखा रहे हैं। इनके अनुसार काफी सामान बिक गया है और बहुत थोड़ा ही बचा है। उन्होंने और सामान के लिए ऑर्डर कर दिया है। उसे आने में दो से तीन दिन लगेंगे। इसके अलावा वह अपने साथ इथोपिया के स्नैक्स, पारंपरिक बैग और क्ले से बने कप प्लेट भी साथ लाई हैं।

दिल्ली हाट के अलावा हैदराबाद भी जाएंगी

गाशु ने बताया कि भारतीय विश्वास के योग्य हैं वह जीवनसाथी के प्रति काफी ईमानदार रहते हैं। इसके चलते वह ऐसे भारतीय पुरुष की तलाश कर रही हैं। गाशु का कहना है कि अगर मेले में उसे दूल्हा नहीं मिला तो वह दिल्ली हाट, अहमदाबाद, हैदराबाद समेत कई अन्य राज्यों का भी भ्रमण करेगी। जब उन्हें दूल्हा मिल जाएगा तो वह उससे शादी कर भारत में ही रहेंगी।

मेले को अद्भुत बताया

तिहिटीना ने बताया कि वह पहली बार भारत आई हैं और यहां की मेहमान नवाजी से काफी प्रभावित हैं। एयरपोर्ट में तिलक लगाकर स्वागत किया गया था। इसके अलावा इस तरह का अंतरराष्ट्रीय मेला पहली देखने को मिला है। यह मेला अपने आप में अद्भुत है। वहीं भारत का मसालेदार खाना बहुत ही स्वादिष्ट लगा है। बता दें कि पिछले वर्ष इथोपिया की मूल निवासी फिवन मुख्य आकर्षण का केंद्र रही थी।

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