दिल्ली में पर्यटकों के लिए PM संग्रहालय से युद्ध स्मारक तक शुरू होगी AC बस सेवा, देना होगा इतना किराया
दिल्ली सरकार यहां आने वाले विदेशी नागरिकों और पर्यटकों को ध्यान में रखकर एक योजना तैयार कर रही है। इसी को पूरा करने के लिए पर्यटन विभाग डीटीसी से 9 मीटर लंबी नई इलेक्ट्रिक बसें किराए पर लेने की योजना बना रहा है।

दिल्ली घूमने आने वाले पर्यटकों व स्थानीय लोगों को आसान सफर का मजा देने के लिए राज्य सरकार ने एक बेहद खास कदम उठाने का फैसला किया है। पर्यटकों को घुमाने के लिए सरकार 'इवनिंग टूर' के तहत जल्द ही प्रधानमंत्री संग्रहालय से युद्ध स्मारक तक एसी (एयर कंडिशंड) इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करेगी। इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि पर्यटन विभाग ने जुलाई के मध्य तक यह सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। साथ ही उन्होंने बताया कि इन बसों की अलग पहचान के लिए उनका रंग-रूप भी अलग डिजाइन किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया, ‘हम प्रधानमंत्री संग्रहालय से युद्ध स्मारक तक शाम के समय पर्यटकों को घुमाने की सुविधा शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए हम दिल्ली आने वाले विदेशी नागरिकों और पर्यटकों को ध्यान में रखकर एक योजना तैयार कर रहे हैं। इसी को पूरा करने के लिए हम डीटीसी से 9 मीटर लंबी नई इलेक्ट्रिक बसें किराए पर लेने की योजना बना रहे हैं।'
अधिकारी ने बताया, ‘बस का किराया वयस्कों के लिए 500 रुपए और 6 से 12 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए 300 रुपए होगा। बस में एक पर्यटक गाइड भी होगा, जो आगंतुकों को उन स्थानों के महत्व के बारे में बताएगा, जहां उन्हें ले जाया जा रहा है।’
उन्होंने कहा, संग्रहालय शाम छह बजे बंद हो जाता है, इसलिए हम वहां से सेवा शुरू करेंगे और फिर अन्य स्थानों की ओर बढ़ेंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘हम डीटीसी से बस किराए पर लेने की योजना बना रहे हैं और देखेंगे कि इस पर लोगों से क्या प्रतिक्रिया मिलती है।' साथ ही उन्होंने बताया 'हम इन बसों को सुबह स्कूल पिकनिक के लिए इस्तेमाल करने की योजना भी बना रहे हैं। इसके लिए शिक्षा निदेशालय के सहयोग पर भी विचार किया जा रहा है।'
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि उनकी सरकार युद्ध स्मारक, कर्तव्य पथ, प्रधानमंत्री संग्रहालय और नए संसद भवन को शामिल करते हुए एक नया पर्यटन सर्किट विकसित करेगी। इससे पहले पर्यटन विभाग ने हॉप-ऑन हॉप-ऑफ (HO-HO) बस मॉडल को पुनर्जीवित करने की योजना पर भी चर्चा की थी, जो 2020 में कोविड महामारी के कारण बंद कर दी गई थी। हालांकि, फिर यह महसूस किया गया कि दिल्ली जैसी जगह के लिए यह मॉडल ठीक नहीं है।
अधिकारी ने कहा, 'कुछ खास लोगों को ध्यान में रखकर पर्यटन की योजना बनाई गई थी- जैसे बाजारों, विरासत स्मारकों आदि का भ्रमण और उसके लिए अलग-अलग रंग की बसें रखना। लेकिन यह महसूस किया गया कि लोग विरासत स्मारकों का दौरा तो कर सकते हैं, लेकिन बसों का उपयोग करके मॉल या बाजार जाना पसंद नहीं करेंगे।' ऐसे में उन्होंने कि 'विदेशों में हो-हो बसें नियमित अंतराल पर उपलब्ध रहती हैं, लेकिन दिल्ली में यातायात की स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं होगा।'