Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Drown in it Delhi Minister Sirsa Hit Back to Pakistan Leader Bilawal Bhutto threat on Indus water treaty

डूब जाओ उसी में; सिंधू जल संधि पर बिलावल भुट्टो ने दी खून बहाने की धमकी तो क्या बोले दिल्ली के मंत्री

‘द न्यूज’ की खबर में बिलावल भुट्टो के हवाले से कहा गया था कि, सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी, या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका खून। बिलावल ने यह बात शुक्रवार को अपने गृह प्रांत सिंध के सुक्कुर इलाके में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कही।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, भाषाSat, 26 April 2025 06:26 PM
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डूब जाओ उसी में; सिंधू जल संधि पर बिलावल भुट्टो ने दी खून बहाने की धमकी तो क्या बोले दिल्ली के मंत्री

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने सिंधू जल संधि को स्थगित कर पाकिस्तान को करारा झटका दिया। इसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इस बौखलाहट में पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो ने धमकी भी दे दी कि अगर पानी रोका गया तो नदियों में खून बहेगा। अब इस मसले पर दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का बयान सामने आया है। उनसे जब बिलावल भुट्टो की धमकी पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, डब जाओ उसमें। उन्होंने कहा, खून बहाने की उनकी औकात नहीं है।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, वह पानी के लिए रो रहे हैं और खून बहाने की बाते कर रहे हैं। इनको शर्म आनी चाहिए कि पानी के लिए रो रहे हैं और खून बहाने की बाते कर रहे हैं। ‘द न्यूज’ की खबर में बिलावल भुट्टो के हवाले से कहा गया था कि, सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी, या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका खून। बिलावल ने यह बात शुक्रवार को अपने गृह प्रांत सिंध के सुक्कुर इलाके में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कही।

सिंधु नदी प्रांत से होकर बहती है और सिंधु घाटी सभ्यता का शहर मोहनजोदड़ो इसके किनारों पर बसा था।बिलावल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया है कि भारत हजारों साल पुरानी सभ्यता का उत्तराधिकारी है, ‘‘लेकिन मोहनजोदड़ो सभ्यता लरकाना में है। हम इसके सच्चे संरक्षक हैं और हम इसकी रक्षा करेंगे।’’

बिलावल ने कहा कि मोदी सिंध और सिंधु के लोगों के बीच सदियों पुराने रिश्ते को नहीं तोड़ सकते। उन्होंने कहा कि ‘‘भारत सरकार ने पाकिस्तान के पानी पर अपनी नजरें टिका रखी हैं और हालात की मांग है कि चारों प्रांतों को अपने पानी की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा।’’

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